Music, asked by shrivastavadeepahika, 5 months ago

एक थाट से 484 रागों की उत्पत्ति किस प्रकार सम्भव है? व्याख्या
कीजिए ।​

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Answered by shivangiroy27
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Answer:

थाट अथवा ठाट हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में रागों के विभाजन की पद्धति है। सप्तक के १२ स्वरों में से ७ क्रमानुसार मुख्य स्वरों के उस समुदाय को ठाट या थाट कहते हैं जिससे राग की उत्पत्ति होती है।[1] थाट को मेल भी कहा जाता है। इसका प्रचलन पं॰ भातखंडे जी ने प्रारम्भ किया। हिन्दी में 'ठाट' और मराठी में इसे 'थाट' कहते हैं। उन्होंने दस थाटों के अन्तर्गत प्रचलित सभी रागों को सम्मिलित किया। वर्तमान समय में राग वर्गीकरण की यही पद्धति प्रचलित है।

थाट के कुछ लक्षण माने गये हैं-

किसी भी थाट में कम से कम सात स्वरों का प्रयोग ज़रूरी है।थाट में स्वर स्वाभाविक क्रम में रहने चाहिये। अर्थात सा के बाद रे, रे के बाद ग आदि।थाट को गाया बजाया नहीं जाता। इससे किसी राग की रचना की जाती है जिसे गाया बजाया जाता है।एक थाट से कई रागों की उत्पत्ति हो सकती है। आज भारतीय संगीत पद्धति में १० ही थाट माने जाते हैं।


shrivastavadeepahika: Thank
shivangiroy27: ur welcm
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