Hindi, asked by avikajindallion, 6 months ago

एक दिवस यू कविता में कौन अपनी कहानी अपनी कहानी सुना रहा है ।

Answers

Answered by anuj20061984singh
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Answer:

koi bhi ek kahani ho sakti hai

Answered by CherryBlooms
14

Answer:

हिंदी कहानियों का इतिहास भारत में सदियो पुराना है। प्राचीन काल से ही कहानियां भारत में बोली, सुनी और लिखी जा रही है। ये कहानियां ही है जो हमें हिम्मत से भर देती है और हम असंभव कार्य को भी करने को तैयार हो जाते है और अत्यंत कठिनाइयों के बावजूद ज्यादातर कार्य पूरे भी होते है शिवाजी महाराज को उनकी माता ने कहानी सुना सुनाकर इतना महान बना दिया कि शिवाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज बन गए।

हिंदी साहित्य की प्रमुख कथात्मक विधा है। आधुनिक हिंदी कहानी का आरंभ २० वीं सदी में हुआ। पिछले एक सदी में हिंदी कहानी ने आदर्शवाद, आदर्शवाद, यथार्थवाद, प्रगतिवाद, मनोविश्लेषणवाद, आँचलिकता, आदि के दौर से गुजरते हुए सुदीर्घ यात्रा में अनेक उपलब्धियां हासिल की है। निर्मल वर्मा के वे दिन जैसे कहानी संग्रह साहित्य अकादमी से भी सम्मानित हो चुके हैं। प्रेमचंद, जैनेंद्र, अज्ञेय, यशपाल, फणीश्वरनाथ रेणु, उषा प्रियंवदा, मन्नु भंडारी, ज्ञानरंजन, उदय प्रकाश, ओमप्रकाश बाल्मिकी आदि हिंदी के प्रमुख कहानी कार हैं।

कहानी के तत्वों की पर्याप्त उपस्थिति के आधार पर हिंदी कहानियों के वर्गीकरण की श्रंखला में "हिंदी की पहली कहानी" का प्रश्न विवाद ग्रस्त है। सबसे प्राचीन कहानियों में, कालक्रम की दृष्टि से सैयद इंशा अल्लाह खान द्वारा 1803 या 1808 ईस्वी में रचित "रानी केतकी की कहानी" जहां मध्यकालीन किस्म की किस्सागोई मात्र है, जो पारसी थियेटर के लटको- झटको से भरी है; वहीं 1871 ईस्वी में अमेरिकी पादरी रेवरेंड जे. न्यूटन द्वारा रचित कहानी "एक जमीदार का दृष्टांत" आदर्शवादी धर्म प्रचारक दृष्टिकोणान्मुख-आंतरिक संरचना की दृष्टि से कमजोर रचना है। इसी क्रम में किशोरी लाल गोस्वामी की " प्रणयिनी परिणय", राजा शिवप्रसाद 'सितारे हिंद' की "राजा भोज का सपना", भारतेंदु हरिश्चंद्र कृत "एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न" भी अपने परंपरागत स्वरूप के कारण कहानी की कसौटी पर खरी नहीं उतरती। बीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में 'सरस्वती' तथा अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित किशोरी लाल गोस्वामी कृत 'इंदुमति', माधवराव सप्रे द्वारा रचित "एक टोकरी भर मिट्टी", आचार्य रामचंद्र शुक्ल कृत "ग्यारह वर्ष का समय" तथा राजेंद्र वाराघोष बंग महिला द्वारा रचित "दुलाईवाली" आदि कहानियों की गिनती भी हिंदी की पहली कहानी बनने की होड़ में की जाती है। उपर्युक्त कहानियों में से "इंदुमती" (1900 ई.) को शुक्ल जी इस शर्त पर 'हिंदी की पहली कहानी' मानते हैं कि वह किसी बंगला कहानी की छाया ना हो। बाद में उसे शेक्सपियर की रचना "द टेंपेस्ट" से प्रभावित पाए जाने पर की हिंदी की पहली कहानी बनने की होड़ से बाहर कर दिया गया।

Explanation:

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