एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के उदय का क्या कारण था
।
Answers
Answered by
12
Answer:
एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के उदय का कारण:
★शीतयुद्ध की समाप्ति।
★रूस की कमजोर स्थिति।
★पूर्वी यूरोप में परिवर्तन।
★समाजवादी दंगों का पूंजीवाद में परिवर्तन।
★नाटो का विस्तार।
★संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का प्रभाव।
★गुट आंदोलन के प्रभाव में कमी।
Answered by
0
एक ध्रुवीय व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी व्यवस्था से है, जिसमें पूरे विश्व में केवल एक ही शक्ति सर्वोपरि हो गई अर्थात एक ही महाशक्ति का वर्चस्व हो गया। इस व्यवस्था में एक महाशक्ति को नियंत्रित करने वाली दूसरी महाशक्ति का अभाव पाया जाता है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के पश्चात अमेरिका का वर्चस्व एक ध्रुवीय व्यवस्था का उदाहरण है।
एक ध्रुवीय व्यवस्था के उदय के कारण इस प्रकार हैं...
- एक ध्रुवीय व्यवस्था के उदय का मुख्य कारण सोवियत संघ का पतन था। सोवियत संघ के पतन के कारण अमेरिका एकमात्र महाशक्ति रह गया इसी कारण पूरे विश्व में अमेरिकी वर्चस्व बढ़ गया जिससे वह मनमाने ढंग से अपने निर्णय को लागू करने लगा और अन्य देशों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने लगा।
- एक ध्रुवीय व्यवस्था की उदय का दूसरा कारण संयुक्त राष्ट्र संघ पर भी अमेरिकी वर्चस्व होना। और उसने संयुक्त राष्ट्र संघ के कई निर्णयों को समय-समय पर अपनी सुविधा के अनुसार मानने से इनकार कर दिया। वह अपने हितों वाले निर्णयों को ही प्राथमिकता देने लगा।
- सोवियत संघ के पतन के बाद अमेरिका के आगे कोई अन्य महाशक्ति का उदय नही हो पाने के कारण भी विश्व एक ध्रुवीय व्यवस्था में सिमटता चला गया।
#SPJ3
Similar questions