एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है
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yeah..but what's the question?
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मानवता
हर धर्म की अपनी अलग-अलग मान्यताएॅ है मगर सब का संदेश एव उद्देश्य एक ही है। आप कोई सा भी धार्मिक गृंथ उठाकर देख लिजिए चाहे आप गीता मे देखिए, कुरान में देखिए या फिर बाइबिल मे देखिए आपको लगभग एक जैसी बाते ही मिलेगी जैसे-मनुष्य को सत्य की राह पर चलना चाहिए ,अच्छे कर्म सत्कर्म करने चाहिए, असत्य एंव अधर्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, असहाय व जरूरतमंदो की मदद करनी चाहिए वगैरहा-वगैरहा आदि।
मगर हम इन समानताओें को न देखते एंव समझते हुए आपसी मार-काट में लगे हुए है और हर कोई अपने धर्म को श्रेष्ठ व महान बताने में लगा है।
शायद हर कोई यह भूल गया है कि इस पूरी पृथ्वी व संसार में एक ही धर्म सबसे बडा है और वो है मानवता धर्म। यही वो धर्म है जो सबसे श्रेष्ठ व महान है।
मगर कोई यह बात समझने को तैयार ही नही है। सब को दंगे फसाद करके अपने धर्म का झंडा लहराना है। और दूसरे धर्म को नीचा दिखाना है अब इस मानसिकता को क्या कहेंगे धर्म प्रेम या फिर कटरता साफ तौर पर इसे कटरता ही कहेंगे। क्योकि कोई भी धर्म यह नही सिखाता की आप दूसरे धर्म का अनादर करें । अगर आप आदर नही कर सकते तो अनादर करने का भी कोई हक नही। मगर आज समझना कौन चाहता है। मगर अब हमें समझना होगा क्योकि अब बस बहुत हुआ हम बहुत लोग को खो चुके इस धर्म कर्म के चक्कर में अब हमें समझना ही होगा कि इस आपसी मार काट में कुछ नही रखा । कुछ लोग एक धर्म के अनुनायी खो बैठते है तो कुछ लोग दूसरे धर्म के अनुनायी और हासिल क्या होता है, बाबा जी का ठुल्लु!!!!!!!!!!!
अरें अब हमें एक साथ आना ही होगा और समझना होगा की मानवता ही सबसे बडा और सच्चा धर्म है। आज कई गंभीर मुददे है जो हमारी एकता का इंतजार कर रहे है। जिन में एक सबसे गंभीर है आंतकवाद का मुददा।जिसकी वजहा से आए दिन न जाने कितने लोग मारे जाते है , क्या अब भी हम साथ नही ऑएगे तो कब आएॅगे। अधर्म के खिलाफ आवाज उठाने और लडने के लिए तो हमारे धर्म प्रेरित करते है। तो हम अधर्म के खिलाफ एकजुट क्यों न हो जाए। क्या हम आपसी भाईचारे से नही रह सकते। क्यों नही रह सकते ?
हमारे भारत में तो हम बरसों से रहते आ रहे है, हॉ भले ही कुछ विवाद हुए है,तो विवाद कहॉ नही होते है हर घर में होते है।उन घरों में रहने वाले सगे भाइयो मे भी होते है तो फिर एक इतने बडे देश में कुछ विवाद होते भी है तो क्या हुआ। इतने विवाद तो चलते ही है। मगर इस देश ने अनेकता में एकता की जो मिसाल पैदा की है, वह लाजाबाव है। और हर देश को भारत से सिखना चाहिए। और भारत को भी अपने यहॉ होने वाले विवादों पर लगाम लगाना चाहिए और अपने द्वारा बनाई इस मिसाल को बरकरार रखना चाहिए।