"एक वोट से होती जीत - हार, वोट ना हो कोई बेकार|" कृपया करके इस विषय पर निबंध लिखने का कष्ट करें|
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एक वोट से होती जीत हार, वोट ना हो कोई बेकार
हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने मत का प्रयोग करें और लोगों को जागरूक करें। लोगों को अपने वोट की कीमत को पहचानने की जरूरत है, ताकि सूझ-बूझ के साथ अच्छे नेता को चुना जा सके जिससे देश और समाज का विकास हो सके। मतदान के दिन हर काम छोड़कर पहले मतदान करना चाहिए, तभी हम एक अच्छे जनप्रतिनिधि के साथ ईमानदार और राष्ट्रभक्त सरकार दे पाएंगे।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शत-प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी सपना बनी हुई है और कई बार मतदाता यह सोचकर मतदान बूथों तक जाने के प्रति उदासीन बने रह जाते हैं कि जब इतने लोग वोट दे ही रहे हैं, तो उनके एक वोट देने या न देने से कौन-सी क्रांति रुक जानी है?
इस एक वोट की कीमत हम इतिहास में हुई कुछ घटनाओं पर गौर करके समझ सकते हैं , तो लेते हैं कुछ उदाहरण ।
➡1776 में अमेरिका को एक वोट की बदौलत ही जर्मन की जगह अंग्रेजी के रूप में उनकी मातृभाषा मिली थी। वरना मातृभाषा जर्मन होती।
➡1875 में एक वोट की जीत से ही फ्रांस में राजशाही खत्म हुई और लोकतंत्र का आगाज हुआ। वरना अब तक वहां राजशाही ही होती।
➡1923 में एडोल्फ हिटलर एक वोट के अंतर की जीत से ही नाजी दल का मुखिया बना था।
➡1999 में एआईएडीएमके के समर्थन वापस लेने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को विश्वास प्रस्ताव रखना पड़ा। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विरोध में 270 वोट पड़े और सरकार गिर गई।
➡2008 में राजस्थान विधानसभा के चुनाव में सीपी जोशी को 62 हजार 215 औरकल्याण सिंह को 62 हजार 216 वोट मिले। तब जोशी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे , पर नहीं बन पाए। हुआ यूं कि उनकी मां, पत्नी औरड्राइवर ने वोट नहीं डाला था।
➡2004 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जेडीएस के एआर कृष्णमूर्ति को 40 हजार 751 मत मिले और कांग्रेस के आर ध्रुवनारायण को 40 हजार 752। छुट्टी न देने के कारण उनका ड्राइवर वोट नहीं डाल पाया था। और इस 1 वोट के बदले वे विधायक बनने से चूके।
इन उदाहरणों से एक बात तो स्पष्ट है कि " एक वोट की कीमत अमूल्य है". हो सकता है एक सच्चे नेता को सुनने की बजाय एक ऐसा व्यक्ति चुनाव जीत जाए जो सिर्फ अपना भला सोचता हों।
वोट के अधिकार की बदौलत जैसा भविष्य अपने देश का चाहते हैं उसका निर्णय ले सक ते हैं क्योंकि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है इसमें जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन यानि सब कुछ जनता है। अपने बीच में से ही मनचाहे व्यक्ति को जनप्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं और वह क्षेत्र के विकास की बात सरकार तक पहुंचाता है।
अतः इस जानकारी को जितना अधिक शेयर करे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे ।
जय हिन्द जय भारत।
@swigy☺
answer:-
हम सब एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं | वसे तो हमे हमारी लोकतान्त्रिक प्रणाली के तहत अनेक अधिकार दिए हुए हैं, जिनमे से एक अधिकार मत(वोट) देने का भी है और यह बाकी सभी अधिकारों से बड़ा है | इसी के जरिये हम मतदान कर मतदाता कहलाते हैं | एक अकेला व्यक्ति मतदान के जरिये सरकार गिरा भी सकता और उसे बनाने का भी दम रखता है | हमे अपने देश के लिए हमेशा निष्पक्ष होकर मतदान करना चाहिए और दूसरों को भी यही करने की सलाह देनी चाहिए | इस जानकारी को इन हिंदी, मराठी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के मतदाता जागरूकता निबंध competition, निबंध प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|