Social Sciences, asked by ladlapunktu, 2 months ago

एक विधायकके प्रमुख कार्य क्या ह​

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Answered by Knowledgepedia12345
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विश्व में प्राकृतिक और भौगोलिक विविधता के साथ-साथ राजनैतिक संरचना में भी भिन्नता है। राजतंत्र, तानाशाही सत्ता में केन्द्रीकरण के उदाहरण हैं, जबकि प्रजातंत्र और लोकतंत्र में जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन किया जाता है। भारत लोकतंत्रात्मक गणराज्य है, जिसमें शासन प्रणाली एक लिखित  संविधान पर आधारित है। संविधान सभा द्वारा विरचित संविधान 26 नवम्बर, 1949 को अंगीकृत किया गया और 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्त हुआ। संसदीय शासन प्रणाली में शासन की व्यवस्था के तीनों आधार स्तंभ क्रमश: कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका स्वतंत्र होते हैं।

केन्द्र में कार्यपालिका की शक्तियां राष्ट्रपति तथा राज्यों में राज्यपाल में निहित होती हैं, तथा वे इसका सीधा उपयोग न करते हुए मंत्रि परिषद् की सलाह से कार्य करते हैं। केन्द्र में प्रधानमंत्री तथा राज्यों में मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रि परिषद् सामूहिक रूप से जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की सर्वोच्च विधायी संस्था के प्रति जवाबदेह होती है।

विधायिका का कार्य है विधान बनाना, नीति निर्धारण करना, शासन पर संसदीय निगरानी रखना तथा वित्तीय नियंत्रण करना। दूसरी ओर कार्यपालिका का कार्य है विधायिका द्वारा बनायी गयी विधियों और नीतियों को लागू करना एवं शासन चलाना। राज्यों की विधायिका विधान सभा के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से गठित होती है। इन जनप्रतिनिधियों को ''विधायक'' कहा जाता है।

संविधान के अनुसार विधान मण्डल राज्यपाल एवं विधान सभा को मिलकर बनता है। विधान सभा को आहूत करना, सत्रावसान करना, विधान सभा द्वारा पारित विधेयक पर अनुमति देना तथा विधान सभा में अभिभाषण देना आदि विधान सभा से संबंधित राज्यपाल के महत्वपूर्ण कार्य हैं।

सभा द्वारा पारित विधेयक तब तक अधिनियम नहीं बनता जब तक कि राज्यपाल उस पर अपनी स्वीकृति नहीं देते हैं। अन्त: सत्रकाल में जब राज्यपाल को यह संतुष्टि हो जाये कि तत्काल कार्यवाही करना आवश्यक है, तब वे अध्यादेश प्रख्यापित कर सकते हैं। यह कानून की तरह ही लागू होता है।

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