एक व्यवसायिक इकाई सतत.इकाई क्यों रहेगी एक लेखाकार की यह परिकल्पना
क्यों आवश्यक है
Answers
Answer:
लेखा पुस्तकों को तैयार करने तथा बनाएँ के लिए कुछ नियम एवं सिद्धांत विकसित किये गय है। इन नियम /सिद्धांत को अवधरणाएँ एवं परिपाटियाँ वर्गो में बाँटा जा सकता है। लेखांकन अभिलेखों को तैयार करने एवं रखने के यह आधार है। इसमें हम विभिन्न अवधारणाओं, उनके अर्थ एवं उनके महत्व को पढेग़े ।
व्यवसायिक लेन-देना का हिसाब रखने का इतिहास बहतु पुराना हैं समय-समय पर अलग-अलग देशों में विद्वान लेखापालकों ने लेखांकन के क्षेत्र में अनेक प्रथाओं एवं परम्पराओं को जन्म दिया है। तथा अपने-अपने ज्ञान, प्रयोगों व अनुभावों के आधार पर लेखांकन सिद्धांतों को प्रतिपादित भी किया है। किन्तु ये सिद्धांत विश्वव्यापी नहीं है। यही कारण है कि आज भी व्यावसायक सौदों का हिसाब रखे की विधियों का भिन्नता है किन्तु फिर भी लेने-देनों का लेखांकन करने के लिए अनेक तर्कसंगत ऐसे विचार है जिन्है। बिना प्रमाण के ही स्वीकार कर लिया गया है।
mark as brainliest dear if you found my answer helpfull