ekanki naye mehman ka saransh
for 100 point help me plzz....
Answers
hello mate!
नए मेहमान एकांकी का सारांश Naye Mehmaan Ekanki ka Saransh
नए मेहमान उदयशंकर भट्ट का यथार्थवादी एकांकी है, जिसमें बड़े नगरों (महानगरों) में रहने वाले मध्यम वर्ग की आवास समस्या और कष्टपूर्ण जीवन का सजीव चित्रण किया गया है। एकांकी का सारांश निम्नवत् हैं–
‘नए मेहमान’ एकांकी का मुख्य पात्र विश्वनाथ है। वह एक बड़े नगर की घनी बस्ती में अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता है। उसका मकान बहुत छोटा है। गर्मी का मौसम है और रात के आठ बजे हैं। उसका छोटा बच्चा बीमार है और उसकी पत्नी का गर्मी के कारण बुरा हाल है। उसके मकान की छत बहुत छोटी है जिस पर चारपाई बिछाने की भी पर्याप्त जगह नहीं है। विश्वनाथ की पड़ोसिन बहुत कठोर स्वभाव की है। वह अपनी खाली छत का भी उन्हें प्रयोग नहीं करने देती। इस वजह से विश्वनाथ बहुत दु:खी तथा परेशान है।
जैसे ही विश्वनाथ व उसका परिवार सोने की तैयारी करते हैं वैसे ही बाहर से कोई दरवाजा खटखटाता है। विश्वनाथ दरवाजा खोलता है। दो अपरिचित व्यक्ति बाबूलाल और नन्हेमल घर में प्रवेश करते हैं और घर में जम जाते हैं। वे विश्वनाथ से ठंडे पानी की माँग करते हैं। विश्वनाथ द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे उसे बातों में उड़ा देते हैं। विश्वनाथ संकोची स्वभाव के कारण कुछ नहीं कह पाता। विश्वनाथ की पत्नी रेवती खाना बनाने के लिए तैयार नहीं होती और अपने पति से जिद करती है कि इनसे इनका पता– परिचय पूछो। जब विश्वनाथ उनसे साफ-साफ पूछता है तो पता चलता है कि वे भूलवश उसके घर आ गए थे। वास्तव में उन्हें विश्वनाथ के पड़ोस में रहने वाले कविराज रामलाल वैद्य के घर जाना था और वे भूल से उसके घर आ गए थे। इस पर विश्वनाथ के बच्चे उन्हें सही स्थान पर पहुँचाकर आते हैं और दोनों पति-पत्नी चैन की साँस लेते हैं।
Answer:
नए मेहमान उदयशंकर भट्ट का यथार्थवादी एकांकी है, जिसमें बड़े नगरों (महानगरों) में रहने वाले मध्यम वर्ग की आवास समस्या और कष्टपूर्ण जीवन का सजीव चित्रण किया गया है। एकांकी का सारांश निम्नवत् हैं–
‘नए मेहमान’ एकांकी का मुख्य पात्र विश्वनाथ है। वह एक बड़े नगर की घनी बस्ती में अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता है। उसका मकान बहुत छोटा है। गर्मी का मौसम है और रात के आठ बजे हैं। उसका छोटा बच्चा बीमार है और उसकी पत्नी का गर्मी के कारण बुरा हाल है। उसके मकान की छत बहुत छोटी है जिस पर चारपाई बिछाने की भी पर्याप्त जगह नहीं है। विश्वनाथ की पड़ोसिन बहुत कठोर स्वभाव की है। वह अपनी खाली छत का भी उन्हें प्रयोग नहीं करने देती। इस वजह से विश्वनाथ बहुत दु:खी तथा परेशान है।