Physics, asked by lokeshlahre7chhoti, 4 months ago

एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में निलंबित धारावाही आयताकार धारा लूप पर लगने वाले बल आघूरण के लिए व्यंजक प्रतिपादित कीजिए।​

Answers

Answered by nosheenqureshi271
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Explanation:

एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में आयताकार धारावाही लूप पर बल एवं बल आघूर्ण : यहाँ हम यह अध्ययन करेंगे की जब किसी आयताकार धारावाही लूप को एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाए तथा इस लूप में विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो इस लूप पर एक बलाघूर्ण कार्य करता है हम इस बल आघूर्ण का अध्ययन करेंगे तथा इसके लिए सूत्र की स्थापना करेंगे।

चित्रानुसार माना एक ABCD आयताकार लूप है , इस लूप में एक विद्युत धारा I प्रवाहित हो रही है , अब इस आयताकार लूप को एक समान या नियत चुम्बकीय क्षेत्र में रखते है , इस लूप की लम्बाई l तथा चौड़ाई b है जैसा चित्र में दर्शाया गया है। इस प्रकार ABCD को व्यवस्थित करने पर इस पर एक बल आघूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र B के लंबवत कार्य करता है।

चुंकि हमने पढ़ा कि यहाँ नेट बल ज़िरो होगा तथा इस ABCD आकृति पर एक बल आघूर्ण कार्य करता हैं। अब बात करते है की कुल या नेट बल शून्य कैसे होता है ?

मान लेते है कि किसी स्थिति जिस पर ABCD आयताकार आकृति का क्षेत्रफल A तथा चुम्बकीय क्षेत्र B के साथ θ कोण बना रहा है। इस स्थिति मे चारों भुजाओं पर चार परिस्थितियाँ बनती है

1. भुजा BC पर बल F1 = IbB , तथा इसकी दिशा ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर होगी ।

2. भुजा DA पर बल F2 = IbB , तथा इसकी दिशा ऊर्ध्वाधर नीचे की तरफ होगी ।

3. भुजा AB पर बल F3 = ILB , इसकी दिशा कागज के लम्बवत अंदर की तरफ होगी ।

4. भुजा CD पर बल F4 = ILB , इसकी दिशा कागज के लम्बवत बाहर की तरफ होगी ।

चुंकि बल F1 तथा F2 परिमाण मे समान है लेकिन इनकी दिशा विपरीत है तथा ये एक ही रेखा पर कार्य कर रहे है इससे ये एक दूसरे को निरस्त कर देते है और ABCD मे ऊर्ध्वाधर कोई विस्थापन उत्पन्न नहीं होता है तथा इनके कारण कोई बल आघूर्ण भी उत्पन्न नहीं होता।

बल F3 तथा F4 भी परिमाण मे समान है लेकिन इनकी दिशा विपरीत है अत: परिणामी बल तो शून्य होगा लेकिन ये बल संरेखिय नहीं है अत: इनके कारण एक बल युग्म बनता है जो लूप को घूर्णन कराता हैं अर्थात इनके कारण एक बल आघूर्ण कार्य करता है ।

अत: कुल बल F = F1 + F2 + F3 + F4 = 0

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