*एखादी गोष्ट पटवून देण्यासाठी त्याच अर्थाचे एखादे समर्पक उदाहरण दिले जाते, तेव्हा कोणता अलंकार होतो.*
1️⃣ रूपक अलंकार
2️⃣ व्यतिरेक अलंकार
3️⃣ दृष्टान्त अलंकार
4️⃣ चेतनगुणोक्ती अलंकार
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Answer:
अलंकार
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[1]परिभाषा - काव्य का सौंदर्य व शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहलाते हैं।
आभूषण जो शरीर का सौंदर्य बढ़ाने के लिए धारण किए जाते हैं। ” काव्यशोभा करान धर्मानअलंकारान प्रचक्षते ।” अर्थात् वह कारक जो काव्य की शोभा बढ़ाते हैं अलंकार कहलाते हैं। जिस प्रकार शरीर के बाहरी भाग को सजाने-संवारने के लिए ब्यूटी पार्लर, व्यायाम शालाएं, हेयर कटिंग सैलून, प्रसाधन सामग्री, आभूषणों की दुकानें हैं तथा आंतरिक भाग को सजाने के लिए शिक्षण-संस्थाएं, धार्मिक संस्थाएं, महापुरुषों के प्रवचन आदि हैं। उसी प्रकार साहित्य के बाहरी रूप को सजाने के लिए शब्दालंकार और आंतरिक रूप को सजाने के लिए अर्थालंकार का प्रयोग किया जाता है।
अलंकारों के मुख्यत: तीन वर्ग किए गए हैं-
१. शब्दालंकार- शब्द के दो रूप होते हैं- ध्वनि और अर्थ। ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टि होती है। इस अलंकार में वर्ण या शब्दों की लयात्मकता या संगीतात्मक्ता होती है अर्थ का चमत्कार नहीं। शब्दालंकार कुछ वर्णगत होते हैं कुछ शब्दगत और कुछ वाक्यगत होते हैं।
२. अर्थालंकार-अर्थ को चमत्कृत या अलंकृत करने वाले अलंकार अर्थालंकार कहलाते हैं। जिस शब्द से जो अलंकार सिद्ध होता है, उस शब्द के स्थान पर दूसरा पर्यायवाची शब्द रख देने पर भी वही अलंकार सिद्ध होगा क्योंकि अलग अर्थालंकारों का संबंध शब्द से न होकर अर्थ से होता है। ३. उभयालांकार- जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते हैं, वे उभायालांकार कहलाते हैं।