ekta mae bal par laghu khata
एकता में बल पर लघु - कथा
please give me correct answer.
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Answer:
एक बार एक बुढा किसान था। उसके चार पुत्र थे। वे सदा एक दूसरे से झगड़ते रहते थे। किसान बड़ा दुःखी था। उसने उन्हें झगड़ा न करने की शिक्षा दी, परन्तु वे नहीं माने।
एक दिन किसान बीमार हो गया। उसकअंतनिकट था। उसे एक युक्ति सूझी। उसने अपने पुत्रों को बुलाया। उसने उन्हें लकड़ियों का एक गट्ठा दिया। उसने उन्हें उस गट्टे को तोड़ने के लिए कहा। परंतु वे इसे न तोड़ सके। अब गट्टे को खोल दिया गया। किसान ने अपने पुत्रों को कहा कि वे लकड़ियों को एक एक करके तोड़े। प्रत्येक पुत्र ने लकड़ियों को आसानी से तोड़ दिया। इस पर पिता ने कहा, लकड़ी के गट्टे की भांति इकटे रहो। यदि तुम इकट्टे रहोगे तो तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। पुत्रों ने इससे शिक्षा प्राप्त की। वे फिर कभी नहीं झगड़े।
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एक बार एक बुढा किसान था। उसके चार पुत्र थे। वे सदा एक दूसरे से झगड़ते रहते थे। किसान बड़ा दुःखी था। उसने उन्हें झगड़ा न करने की शिक्षा दी, परन्तु वे नहीं माने।
एक दिन किसान बीमार हो गया। उसकअंतनिकट था। उसे एक युक्ति सूझी। उसने अपने पुत्रों को बुलाया। उसने उन्हें लकड़ियों का एक गट्ठा दिया। उसने उन्हें उस गट्टे को तोड़ने के लिए कहा। परंतु वे इसे न तोड़ सके। अब गट्टे को खोल दिया गया।
किसान ने अपने पुत्रों को कहा कि वे लकड़ियों को एक एक करके तोड़े। प्रत्येक पुत्र ने लकड़ियों को आसानी से तोड़ दिया। इस पर पिता ने कहा, लकड़ी के गट्टे की भांति इकटे रहो। यदि तुम इकट्टे रहोगे तो तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। पुत्रों ने इससे शिक्षा प्राप्त की। वे फिर कभी नहीं झगड़े।