Hindi, asked by monukumar72100pooja, 10 months ago

electronic Madhyam ke Prabhav Ke Karan Kitab ke badhti upeksha kis Prakar Chinta Janak Hai tell me answer​

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Answered by coolthakursaini36
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आज के इस आधुनिक दौर में मनुष्य ने नए नए तरीके ईजाद किए हैं जिस कारण हमारी रीति और परंपराएं पीछे छूट रही हैं। इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आ जाने से पुस्तकें उपेक्षा का शिकार हो रही हैं।

आज सारा ज्ञान ऑनलाइन माध्यम से लोग अर्जित कर रहे हैं और किताबों को पढ़ने मैं अपना समय नष्ट होना बताते हैं। हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों से लेकर आज तक जो ज्ञान पुस्तकों में निहित है वो नष्ट हो जाएगा यदि लोगों ने पुस्तकें पढ़ना छोड़ दिया।

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम केवल बिजली पर आधारित है यदि बिजली नहीं तो सब कुछ बंद। पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। पुस्तकों को कहीं भी कभी भी पढ़ा जा सकता है।

Answered by bharattiwariepatrika
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आधुनिक युग में इलेक्ट्रोनिक माध्यमों के बढ़ते उपयोग ने भले ही लोगों को घर पर ही ज्ञान का खजाना उपलब्ध करा दिया, लेकिन इसने ऋषि-मुनियों और मनुष्य के ज्ञान का आधार मानी जानी वाले पुस्तकों की उपेक्षा कर दी है।

आज लोग ज्ञानार्जन के लिए पुस्तकों का नहीं बल्कि इलेक्ट्रोनिक माध्यम जैसे मोबाइल, कम्प्यूटर और इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। इससे सालों से लोगों को ज्ञान का आधार बनी पुस्त अब धूल फांकने लगी है। इलेक्ट्रोनिक माध्यमों के बढ़ते उपयोग के कारण लोगों का पुस्तकालय से मोहभंग हो गया है। पुस्तकालय जाने के बजाय अब लोग मोबाइल पर ही किताब पढ़ना ज्यादा आसान समझते हैं। वहीं बुजुर्ग भी पुस्तकालय न जाकर कंप्यूटर और एन्ड्रॉयड मोबाइल पर ही मनपसंद किताबेें पढ़कर पुस्तकालय जाने से बचने लगे हैं। पिछले कुछ सालों से पुस्तकालय में बढ़ने वाली भीड़ अब छंटने लगी है। पुस्तकालय में रोजाना जाने वाले लोगों की संख्या घटकर 30 से 50 तक आ गई है। इसके पीछे समाज में बढ़ती टीवी, मोबाइल और इंटरनेट संस्कृति और भागमभाग जिंदगी में समय का अभाव होना प्रमुख कारण माना जा रहा है। युवा आज रोजगार के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन उन्होंने भी पढ़ाई के लिए बाजार से किताबें खरीदने की जगह मोबाइल पर ही किताबों से संबंधित कई ऐप डाउनलोड कर लिए है। इसी पर पढ़ लेते हैं और जो जरूरी होता है उसे मोबाइल पर ही सेव कर लेते हैं। जो हमेशा साथ रहता है। ऐसे में इलेक्ट्रोनिक माध्यमों ने पुस्तकों की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी है। पुस्तक व्यापार करने वालों का रोजगार ठप हो गया है, लेकिन ध्यान रहे कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम केवल बिजली और फोन की बैटरी पर निर्भर है। इसके नहीं होने से यह माध्यम पूरी तरह से फेल हो जाता है, लेकिन पुस्तकों से आप कहीं भी कहीं भी ज्ञानार्जन कर सकते हैं। ऐसे में लोगों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ-साथ पुस्तकों को भी पूरा महत्व देना चाहिए।

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