ELLØ guYs!!
ShLok ka ArTh SamJhaye
=> यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
Answers
Answered by
8
EllØ ❤
अर्थ : हे अर्जुन ! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं प्रकट होता हूँ ।। 7 ।।
व्याख्या: मनुष्य में धर्म और अधर्म दोनों ही प्रवृत्तियाँ होती है। कभी भीतर धर्म बढ़ता है और कभी अधर्म।। कभी हम धार्मिक जैसा बर्ताव करते हैं और कभी अधार्मिक जैसा। लेकिन जब व्यक्ति के अंदर अधर्म का भाव आता है तब उसके मन में उस अधर्म को न करने की एक लहर भी ज़रूर आती है, भले वो उसको ध्यान दे या न दे और अधर्म करने पर बार-बार दिल यह ज़रूर कहता रहता है कि जो कर रहे हो, वो गलत है। ऐसा नहीं कि जब कुछ बड़ा अधर्म करेंगे तभी अंदर की आवाज़ आएगी, ये तो किसी का पेन चुरा लेने पर भी आएगी। ये आवाज़ तब-तब आएगी जब-जब आप कोई भी अधर्म करोगे। लोग इसी आवाज़ को नज़रअंदाज़ करके अधर्म करते हैं। ये अंदर की आवाज़ कुछ और नहीं बल्कि हमारी चेतना में बैठे कृष्ण की प्रेरणा है, जो हमें अधर्म न करने की सलाह देती रहती है यही भगवान् कह रहे है कि जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होगी तब-तब मैं प्रकट होता हूँ । यही उनके प्रकट होने की प्रक्रिया है क्योंकि वो तो अपनी प्रेरणाओं से हर व्यक्ति के अंदर अपनी अनुभूति का अहसास कराते ही रहेंगे ।
➡❤❤
अर्थ : हे अर्जुन ! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं प्रकट होता हूँ ।। 7 ।।
व्याख्या: मनुष्य में धर्म और अधर्म दोनों ही प्रवृत्तियाँ होती है। कभी भीतर धर्म बढ़ता है और कभी अधर्म।। कभी हम धार्मिक जैसा बर्ताव करते हैं और कभी अधार्मिक जैसा। लेकिन जब व्यक्ति के अंदर अधर्म का भाव आता है तब उसके मन में उस अधर्म को न करने की एक लहर भी ज़रूर आती है, भले वो उसको ध्यान दे या न दे और अधर्म करने पर बार-बार दिल यह ज़रूर कहता रहता है कि जो कर रहे हो, वो गलत है। ऐसा नहीं कि जब कुछ बड़ा अधर्म करेंगे तभी अंदर की आवाज़ आएगी, ये तो किसी का पेन चुरा लेने पर भी आएगी। ये आवाज़ तब-तब आएगी जब-जब आप कोई भी अधर्म करोगे। लोग इसी आवाज़ को नज़रअंदाज़ करके अधर्म करते हैं। ये अंदर की आवाज़ कुछ और नहीं बल्कि हमारी चेतना में बैठे कृष्ण की प्रेरणा है, जो हमें अधर्म न करने की सलाह देती रहती है यही भगवान् कह रहे है कि जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होगी तब-तब मैं प्रकट होता हूँ । यही उनके प्रकट होने की प्रक्रिया है क्योंकि वो तो अपनी प्रेरणाओं से हर व्यक्ति के अंदर अपनी अनुभूति का अहसास कराते ही रहेंगे ।
➡❤❤
Anonymous:
bbye
Answered by
0
Answer:मै प्रकट होता हूं, मैं आता हूं, जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं, जब जब अधर्म बढता है तब तब मैं आता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं
Similar questions
Social Sciences,
6 months ago
Math,
6 months ago
Chemistry,
6 months ago
Social Sciences,
1 year ago