Hindi, asked by princessdiya9838, 1 year ago

Emotional speech on the topic of girls are better than boys in hindi for debate

Answers

Answered by mchatterjee
5

यह बात सुनने में पुरुष प्रधान समाज को खराब लगता है कि लड़कियां-लड़कों से अच्छी होती है। मगर यह बात कटु होकर भी सत्य है क्योंकि आज के जमाने में लड़कियां पुरूषों को पछार दे रही है।

वहीं दूसरी ओर पुरुष अपने अशोभनीय हरकत के कारण हर दिन टी.वी. में बहुचर्चित हो रहे हैं। हालांकि यह बात भी सच है कि सारे पुरुष एक नहीं होते और सारी लड़कियां भी अच्छी नहीं होती।

मगर आंकड़ों के अनुसार नारी को जो अधिकार समानता का दिया है उन अधिकारों का ९०% महिला सही ही उपयोग कर रही है बाकी १०% बहक रही है।

मां-पापा की देखभाल अंत समय तक बेटा करें या न करें मगर बेटी जरूर करती है। बेटा मां-बाप को गुस्से से ०४ बात आसानी से कहा जाता है मगर बेटी चुपचाप मां-बाप के बात को सुनती है।

इसलिए प्यारी होती है बेटियां।

Answered by ferozpurwale
3

Answer:

यह बात सुनने में पुरुष प्रधान समाज को खराब लगता है कि लड़कियां-लड़कों से अच्छी होती है। मगर यह बात कटु होकर भी सत्य है क्योंकि आज के जमाने में लड़कियां पुरूषों को पछार दे रही है।

वहीं दूसरी ओर पुरुष अपने अशोभनीय हरकत के कारण हर दिन टी.वी. में बहुचर्चित हो रहे हैं। हालांकि यह बात भी सच है कि सारे पुरुष एक नहीं होते और सारी लड़कियां भी अच्छी नहीं होती।

मगर आंकड़ों के अनुसार नारी को जो अधिकार समानता का दिया है उन अधिकारों का ९०% महिला सही ही उपयोग कर रही है बाकी १०% बहक रही है।

मां-पापा की देखभाल अंत समय तक बेटा करें या न करें मगर बेटी जरूर करती है। बेटा मां-बाप को गुस्से से ०४ बात आसानी से कहा जाता है मगर बेटी चुपचाप मां-बाप के बात को सुनती है।

इसलिए प्यारी होती है बेटियां।

Similar questions