एन-2. निम्नलिखित अपठित पद्यांश को सम्यक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1x6=6)
"है बहुत अधियार अब सूरज निकलना चाहिए।
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए।।
रोज़ जो चेहरे बदलते हैं लिबासों की तरह,
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए।।
अब भी कुछ लोगों ने बेची है न अपनी आत्मा,
ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए।।
फूल बनकर जो जिया वो यहाँ मसला गया,
जीस्त को फौलाद के सांचे में ढलना चाहिए।।
छीनता हो जब तुम्हारा हक कोई उस वक्त तो,
आँख से आँसू नहीं, शोला निकलना चाहिए।।
(क) सूरज क्यों निकलना चाहिए?
(ख) किनका जनाजा निकलना चाहिए?
(ग) आत्मा बेचने का तात्पर्य क्या है?
(घ) लोहे का पर्यायवाची जो इस पद्यांश में आया है-लिखें।
(ङ) कौन मसला गया है?
(च) कोई तुम्हारा हक छीने तो क्या करना चाहिए?
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सूरज क्यों निकालना चाहिए
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