एनीमिया के रोग के लक्षण व कारण बताइए व इस रोग को दूर करने के लिए किन -किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ? विस्तार से समझाइए ?
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एनीमिया होने के लक्षण
एनीमिया होने में शरीर में रक्त की कमी होने के साथ-साथ ये लक्षण मूल रूप से महसूस होते हैं-
-काम करते समय जल्दी थक जाना।
-सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना।
-दिनभर कमजोरी महसूस होना।
-अधिकतर समय सांस लेने में कमजोरी होती है।
-आंखों के सामने अंधेरा छाना।
-चक्कर आना।
-सीने और सिर में दर्द होना।
-पैरों के तलवों और हथेलियों का ठंडा होना।
-आँखों का पीलापन, एनीमिया दर्शाने का सर्वोत्तम तरीका है।
-एनीमिया की वजह से आपके बाल भी झड़ सकते हैं।
एनीमिया क्यों होता है (एनीमिया होने के कारण )
एनीमिया पोषण के कमी के अलावा और बहुत सारे कारण होते हैं जिनमें ये प्रमुख हैं-
-एनीमिया के वंशानुगत रुप है और शिशु जन्म लेने के बाद ही स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं।
-कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी एनीमिया हो सकता है जैसे पोषक तत्वों से रहित आहार भी एक प्रमुख कारक है।
-एनीमिया का सबसे मुख्य रुप लोहे की कमी एनीमिया है जिसे आसानी से आहार में बदलाव और आयरन की खुराक प्रदान करने के साथ इलाज किया जा सकता है।
-एनीमिया का सबसे बढ़ा कारण आर.ब।सी के असामान्य उत्पादन से होता है।
-लाल रक्त कोशिकाओं की कमी रक्तस्राव के कारण हो सकती है, जो अक्सर समय के साथ इस प्रकार का गंभीर रक्तस्राव निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकता है।
एनीमिया से बचने के उपाय
आम तौर पर असंतुलित भोजन के असर के कारण भी एनीमिया होता है। एनीमिया के कुछ प्रकारों से बचा नहीं जा सकता क्योंकि वह अनुवांशिक होते हैं। लेकिन मूल रूप से डायट में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती है। एनीमिया से बचाव के लिए आपको अपनी जीवन शैली में थोड़ा परिवर्तन लाना पड़ेगा। एनीमिया मुख्यत शरीर में खून की कमी से होता है। एनीमिया से बचाव के लिए ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़े जैसे चुकंदर, गाजर, पालक, बथुआ और अन्य हरी सब्जियां। काले चने और गुड़ में भी आयरन भरपूर मात्रा में होता है। सब्जी बनाने के लिए लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल करें।जैसे-
-एनीमिया के रोगी को भरपूर मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए।
-केला, सेब आदि ताजे फलों का सेवन करना चाहिए।
-सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, शकरकंद और अनाज को खाने में शामिल करें।
-विटामिन-बी और फॉलिक एसिड को डाईट में शामिल करें।
-किशमिश और सूखे आलू बुखारे भी अपनी डायट में शामिल करें।
-विटामिन-सी आयरन को शरीर से कम नहीं होने देता। इसके लिए आंवला, संतरा, मौसमी जैसी चीजों को सेवन करना चाहिए।