Hindi, asked by anshikakrishna300, 2 months ago

एनसीईआरटी पार्ट तोता चैन और yishu ki जैन को पढ़कर आपको कैसा लगा​

Answers

Answered by ycuteboyyy3
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Answer:

bahut achga laga vo kahani hamare liye bahut achi hoti hai

Answered by santoshrai709
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Answer:

प्रश्न 1: अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थीं?

उत्तर : तोत्तो-चान अपनी माँ के इच्छा के विरूद्ध झूठ बोलकर यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए लेकर जा रही थी। कही उसकी चोरी पकड़ी न जाए। इसी डर के कारण झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे थी।

प्रश्न 1: यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।

उत्तर : यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमज़ोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाता था। उसे पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान को परिश्रम करना पड़ा।

प्रश्न 2: दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।

उत्तर : यासुकी-चान तथा तोत्तो चान दोनों को अन्तत: पेड़ पर चढ़ने में सफलता मिली परन्तु दोनों की सफलता का अनुभव अलग-अलग था। यासुकी-चान का लक्ष्य पेड़ पर चढ़ना था। परन्तु तोत्तो चान का उद्देश्य यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना था। यासुकी-चान को खुशी मिली तो तोत्तोचान को संतुष्टि।

प्रश्न 3: पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?

उत्तर : जब यासुकी-चान और तोत्तो-चान एक तिपाई-सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक पहुँच रहे थे तब सूरज का ताप उन पर पड़ रहा था। उन्हें काफ़ी पसीना आ रहा था। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींच रही थी तब एक बादल का बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कड़ाती धूप से बचा रहा था। यह मौसम का बदलता रूप था।

प्रश्न 4: ‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह……….अंतिम मौका था।’-इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?

उत्तर : यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था। लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि यासुकी-चान के लिए स्वयं अपने बल पर पेड़ पर चढ़ना संभव नहीं था और तोत्तो-चान इस तरह झूठ बोलकर इतनी मेहनत से हमेशा उसकी मदद नहीं कर सकती।

प्रश्न 1: तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन मे यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?

उत्तर : हमें ऐसे कार्य के लिए परिश्रम तथा बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए जिससे किसी को खुशी मिले, किसी का अच्छा हो। हमें किसी ज़रूरतमंद के काम आना चाहिए।

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