History, asked by nsah7578, 2 months ago

Enfield rifle in Hindi


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Answered by Anonymous
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ली-एन्फील्ड (Lee–Enfield) एक प्रसिद्ध राइफल है जिसका उपयोग ब्रितानी साम्राज्य तथा कामनवेल्थ देश २०वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में करते थे और आज भी कुछ देशों में इसका उपयोग होता है। यह राइफल बोल्ट-ऐक्शन, मैगजीन से चलने वाली, रीपीटिंग राइफल है। १८९५ से आरम्भ होकर १९५७ तक यह ब्रितानी सेना की मानक राइफल थी

अपने समय के प्रसिद्ध और पुरातन बोल्ट-एक्शन ली-एन्फील्ड राइफल ने भारत में छोटे हथियारों की अधिप्राप्ति की पहली आधुनिक लहर को परिभाषित किया। 1907 से 1974 के बीच इंडियन ऑर्डिनेन्स फैक्टरीज ईशापुर ने इस राइफल के कई संस्करण निकाले। इसकी जगह दूसरे हथियार लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद 2013 के अंत तक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अन्य हथियारों की बजाए इसी को इस्तेमाल में रखा हुआ है। ली-एन्फील्ड की सर्वविद्यमानता के बावजूद भारतीय ली-एन्फील्ड का इतिहास अभी तक समझा नहीं जा सका है। 20वीं सदी की शुरुआत में भारत ने तकरीबन 50,000 की दर से हर साल ली-एनफील्ड राइफलों को आयात करना शुरू किया (वॉल्टर, 2005, पृ. 87)। ब्रिटिश सरकार ने अपनी बढ़ती जरूरतों को देखते हुए स्थानीय उत्पादन का निर्णय लिया , और तमाम विरोधों के बावजूद हथियारों का घरेलू उद्योग शुरू कर दिया गया। घरेलू उत्पादन 1901 में शुरू हुआ (ओएफबी, 1999)। शुरू में लाइसेंसी उत्पादन में दिक्कतें आईं, लेकिन उसके बाद 1907 से शृंखलाबद्ध उत्पादन शुरू हो गया, जिससे छोटे मैगज़ीन वाले ली-एन्फील्ड (एसएमएलई) MK-III को मानकीकृत किया जा सका। अगले 60 सालों तक ये प्रोडक्शन में रहा (स्केर्नेटन, 1993)

Answered by 3315dharavyas
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Answer : एनफील्ड राइफल ।

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