environmental essay in hindi
Answers
हमारे चारों ओर जो कुछ है तथा चारों ओर से हमें घेरे हुएं हैं उसे हम पर्यावरण से संदर्भित करते हैं। इसमें जैविक, अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु आते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, बगीचा, नदी, झील, हवा इत्यादि शामिल हैं। प्रचीन मानव प्रकृति के समीप निवास करते थे, इस कारणवश वह स्वस्थ रहते और ज्यादा दिन तक जीवित रहते थे। परन्तु आज हमारे चारों ओर कृत्रिम (बनावटी) वातावरण हैं, जिसका निर्माण हमनें स्वयं के लिए किया है, - इमारतें, वातानुकूलित कमरें, सड़के, शौपिंग कॉम्पेक्स, वाहन, जानलेवा गैस, धूल इत्यादि।
Answer:
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Explanation:
निश्चयवाद विचारधारा की मुख्यतः दो कारणों से आलोचना हुई । रेटजिल महोदय के अनुसार यदि दो देशों की अवस्थिति समान हो तो उन लोगों की जीवनशैली, इतिहास तथा संस्कृति भी समान होगी । वास्तव में ऐसा नहीं है, क्योंकि जीवन-शैली पर संस्कृति एवं सभ्यता का भी भारी प्रभाव पडता है ।
दूसरे, मानव निष्क्रिय नहीं वह अपने कर्म से अपने भाग्य का निर्माण करता है । मानव जीवन को पर्यावरण प्रभावित करता है और, मानव भी पर्यावरण को प्रभावित करता है । इन्हीं आलोचनाओं के कारण निश्चयवाद विचारधारा का खंडन किया गया ।
निश्चयवाद की आलोचना विशेष रूप से फ्रांस के भूगोलवेत्ताओं ने की । निश्चयवाद के आलोचक विडाल डी लाब्लाश (Vidal de Lablache) ने एक नई विचारधारा को जन्म दिया जिसको संभववाद (Possibilism) के नाम से संबोधित किया जाता है । संभववाद विचारधारा के अनुसार मानव अपने संसाधनों का उपयोग करने में स्वतंत्र है । मानव अपने व्यवहार में स्वतंत्र है । पर्यावरण, संसाधनों के उपयोग की बहुत-सी संभावनाएँ प्रस्तुत करता है और मानव अपनी संस्कृति एवं रीति-रिवाज के अनुसार अपने संसाधनों (पर्यावरण) के बारे में निर्णय लेता है । मानव सक्रिय है जो अपने भाग्य का स्वयं निर्धारण करता है ।
विडाल डी लाब्लाश महोदय संभववाद के प्रमुख प्रचारक थे । उन्होंने जीवन-शैली (Genres de vie) शब्दावली का उपयोग किया । उनके अनुसार आचार-व्यवहार (Attitude), धर्म-विश्वास (Religion), आदत (Habits), मूल्य (Value) इत्यादि का मानव के व्यवहार एवं संसाधनों के उपयोग पर भारी प्रभाव पड़ता है । यही अवधारणा संभववाद की आधारशिला है ।