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एसी ऑन अनेकता में एकता इन हिंदी​

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अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

By Editorial Team- June 29, 2019

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध एवं संपन्न संस्कृति है जिसकी मूल पहचान अनेकता में एकता (Anekta Me Ekta) है।

हमारे देश में अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, पहनावा और बोली, परंपरा-रीति-रिवाजों आदि में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी यहां सभी लोग मिलजुल कर प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं, और यही भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग बनाता है।

भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो, राज करो नीति भी अपनाई, ताकि भारतीय एकता कमजोर पड़ जाए, लेकिन विदेशी ताकतों का भारतीय एकता और अखंडता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

बाबजूद इसके सभी भारतीयों ने एकजुट होकर देश को आजाद करवाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और अपने देश को आजाद करवाने में सफल हुए, जो कि अपने आप अद्धितीय है।

और इस तरह अनेता में एकता की शक्ति का भारत देश सबसे बड़ी मिसाल है। वहीं एकता के महत्व को समझाने के लिए कई बार स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को “अनेकता में एकता” के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Anekta Me Ekta

अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

प्रस्तावना-

हमारा देश भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, अनेकता में एकता ही इसकी अखंड पहचान है जो इसे विश्व के अन्य देशों से अलग बनाती है क्योंकि अन्य देशों में भारत की तरह अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग एकजुट होकर इस तरह प्रेम, भाईचारे और सद्भाव से नहीं रहते हैं।

इसलिए भारतीय संस्कृति की मिसाल विश्व भर में दी जाती है। यहां अलग-अलग धर्मों के रहने वाले लोगों के त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, बोली आदि में काफी विविधिता होने के बाबजूद भी सभी मजहब के लोग अपने-अपने तरीके से रहते हैं और अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ अपने त्योहार मनाते हैं।

भारत एक ऐसा देश है, जहां दीपावली और ईद में जितनी रौनक रहती है, उतनी ही रौनक क्रिसमस औऱ गुरु पर्व में भी देखने को मिलती है। भले ही सभी धर्मों के अपने-अपने सिद्धांत हो, लेकिन यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों का सिर्फ एक ही लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है।

अनेकता में एकता ही भारत की पहचान:

भारत में “अनेकता में एकता” इसकी मूल पहचान है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को सबसे अलग एवं समृद्ध बनाने में मद्द करती है। हमारा देश भारत अनेकता में एकता की मिसाल है क्योंकि भारत ही एक ऐसा देश है जो इस अवधारणा को बेहतरीन तरीके से साबित करता है।

सही मायने में अनेकता में एकता ही भारत की अखंड शक्ति और मजबूती है, जो भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाती है और इसकी एक अलग पहचान बनाती हैं।

भारत में कई अलग-अलग प्रांत हैं, जिसमें रहने वाले सभी लोगों की भाषा, जाति, धर्म, परंपरा, पहनावा आदि में काफी अंतर है जो कि (बंगाली, राजस्थानी, मारवाड़ी, पंजाबी, तमिलीयन, महाराष्ट्रीयन) आदि के रुपो में जाने जाते हैं, जो अपने आप को भारतीय कहते हैं और यही भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है।

भारत के लोगों की सोच, उनका आचरण, व्यवहार, चरित्र, उनके मानवीय गुण, आपसी प्रेम, संस्कार, कर्म आदि भारत की विविधता को एकता को बनाए रखने में मद्द करते हैं।

भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्म के लोग आपस में प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के साथ रहते हैं और एक-दूसरे के मजहब, धर्म, परंपरा और भाषा का आदर करते हैं, एक – दूसरे को प्यार से अपनाते हैं, यही भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, जो कि अपने आप में अद्धितीय और अनूठी है।

अनेकता में एकता का महत्व – Anekta Mein Ekta Ka Mahatva

देश की आजादी से पहले जब भारत, अंग्रेजों का गुलाम था और अंग्रजों के अत्याचारों और असहनीय पीड़ा को सह रहा था, उस दौरान सभी भारतीयों के अंदर स्वतंत्रता पाने की इच्छा जागृत हुई और फिर आजादी पाने के लिए काफी सालों तक संघर्ष की लड़ाई लड़ी।

इस लड़ाई में सभी भारतीयों ने एकता को अपना सबसे बड़ा हथियार मानकर जिस तरह अंग्रेजों को भारत से खदेड़ कर बाहर फेंका और स्वाधीनता हासिल की, इसे अनेकता में एकता के महत्व का पता लगाया जा सकता है।

अनेकता में एकता बुरी से बुरी परिस्थिति से उभरने में मद्द करता है।

इससे लोगों के अंदर एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना विकसित होती है और लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं।

आपसी रिश्तों और भावनाओं को और अधिक मजबूती मिलती है, इससे जीवन शैली, कार्यकुशलता, और उत्पादकता में सुधार आता है और देश के विकास को बल मिलता है।

“विविधता में एकता” से लोगों को टीम वर्क करने में मद्द मिलती है और उनके अंदर आत्मविश्वास एवं मनोबल बढ़ता है।

विविधता में एकता से ही लोगों को एक – दूसरे के साथ प्रेम भाव से रहने में मद्द मिलती है और मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत मिलती है।

विविधिता में एकता से आपसी रिश्तों में सुधार आता है।

विविधता में एकता ही भारतीय संस्कृति की अखंडता एवं प्रभुता को बनाए हुए है।

उपसंहार

जिस तरह बाग में अलग-अलग तरह के सुंदर और आर्कषक फूल होते हैं, लेकिन सभी का काम वातावरण को सुगन्धित करना होता है, उसी तरह भारत में रहने वाले सभी लोग अलग-अलग हैं, लेकिन सभी की भावना और आत्मा एक है।

इसलिए हम सब एक है और यही हमारे देश की असली पहचान है। वहीं हम सभी को इस पहचान को बरकरार रखने में इसकी अखंडता के महत्व को समझना चाहिए और अपना सहयोग

Answered by InvincibleAtharva
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Explanation:

हमारी मातृभूमि वीर शहीदों के खून से पवित्र है यहां पर बड़े-बड़े ऋषियों और महापुरुषों ने जन्म लिया है जिससे इसकी पवित्रता और बढ़ जाती है इसीलिए जब भी अन्य देशों के लोग यहां पर आते हैं तो यहीं पर बस जाते हैं हमारे देश में लगभग सभी देशों के लोग निवास करते है.

और सभी प्रेम और सदभाव से रहते है. एक दूसरे की धर्म और भाषाओं का आदर करते है. यही बात हमें अन्य देशों से अलग बनाती है और हमारे देश में अनेकता में एकता देखने को मिलती है. हमारे देश कई वर्षों तक गुलामी की जिंदगी जीता रहा है फिर भी यह की मूल संस्कृति और भाषा में कोई बदलाव नहीं आया है.

यह बात यह दर्शाती है कि हमारे देश के लोगों पर कितनी भी मुसीबत क्यों ना आ जाए फिर भी हम एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते है. हमारे देश की एकता में अनेकता का परिचय तब देखने को मिला जब हमारे देश को ब्रिटिश लोगों से आजाद कराने के लिए हर जाति और धर्म के लोगों ने मिलकर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी.

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