Hindi, asked by SusanAabidi6211, 1 year ago

एस्से इन हिंदी ओं दिवाली

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Answered by DhruvSharma009
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दीपावली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह कार्तिक मास की अमावस्या को प्रति वर्ष मनाया जाता है. दीपावली को दीपों के त्यौहार के रूप में जाना जाता है. दीपावली अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है.
भारत के हर घर में इस दिन दीप जलाये जाते हैं.
दीवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

दीपावली को दीवाली के नाम से भी जाना जाता है.हिंदू मान्यताओं में के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर तथा रावणा का संहार करके अयोध्या लौटे थे.दीपावली में सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं. यह पर्व सफाई का महत्व भी बताता है.कार्तिक मास की त्रयोदशी से लेकर कार्तिक मास की अमावस्या तक दीपावली का उत्साह चरम पर रहता है.ऐसा माना जाता है कि समुद्रमंथन से इसी दिन माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी.दीपावली के दिन बड़े मिठाइयाँ खाते हैं और बच्चे पटाखे जलाते हैं.इस दिन घर के आंगन में सुंदर सी रंगोली बनाई जाती है.दीपावली के दिन हर घर दीपों की रौशनी से जगमगा उठता है, घरों की शोभा देखने लायक होती है.दीपावली के दिन दुकानदार और व्यापारी अपने दुकानों में धूमधाम से लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं.इस दिन सभी लोग नये कपड़े पहनते हैं. छोटे-बड़े सभी इस त्यौहार को उत्साह के साथ मनाते हैं.दीपावली से पहले सारे बाजार दीपावली के सामानों से भर जाते हैं. बाजारों की रौनक देखते हीं बनती है.इस दिन घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं.बच्चे छोटे-छोटे घरौंदे बनाते हैं और इसमें गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति रखकर पूजा करते हैं.दीपावली का त्यौहार केवल भारत में हीं नहीं बल्कि हर उस स्थान पर मनाया जाता है, जहाँ-जहाँ हिन्दू रहते हैं.

दीपावली से पहले सारे लोग अपने घरों की सफाई और पुताई करते हैं.

लोग इस दिन एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएँ देते हैं.आजकल लोग घरों को बिजली के बल्बों और विद्युत लड़ियों से सजाने लगे हैं.हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी हर घर में आती हैं. इसलिए लोग माता लक्ष्मी के स्वागत में अपने घरों को सजाते हैं ताकि वो उनके घर में निवास करें
दीपावली का पर्व पूरे समाज को फिर से उर्जा से भर देता है. दीपकों के जलने से कीड़े-मकोड़े नष्ट हो जाते हैं.साल भर में घरों में जो गंदगी जमा हो जाती है, वो दीवाली में साफ हो जाती है.दीपावली के पहले धनतेरस मनाया जाता है और दीपावली के ठीक बाद गोवर्धन पूजा और भैया दूज मनाया जाता है.दीपावली की परम्परा लोगों को स्वस्थ्य रखने में भी प्राचीन समय से मदद कर रही है.दीवाली के पर्व के कारण अमावस्या की रात भी पूर्णिमा की उजली रात जैसी लगती है.दीपावली का अर्थ होता है, दीपों की माला.दीपावली मुख्य रूप से व्यक्तिगत त्यौहार है, जिसे लोग अपने परिवार के साथ मनाते हैं.

दीवाली के दिन हीं सिक्खों के स्वर्ण मन्दिर की नींव रखी गई थी.

यह पर्व भारत की महान और समृद्ध परम्परा का जीता-जगता प्रतीक है.दीवाली के दिन कुछ लोग जुआ भी खेलते हैं, जबकि यह हमारी परम्परा का हिस्सा नहीं है.
हमें इस कुप्रथा को फैलने से रोकने के लिए कोशिश करनी चाहिए.हमें इस दिन अपने आसपास के गरीब लोगों के बीच मिठाइयाँ और पटाखे बाँटने चाहिए. ताकि उन्हें किसी प्रकार की कमी महसूस न हो. इससे सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा और हम दूसरों के दर्द महसूस कर सकेंगे.इस दिन कई लोग नया व्यापर शुरू करते हैं.वर्षा ऋतु के कारण जो झाड़ियाँ और कीड़े-मकोड़े हो जाते हैं, दीवाली की सफाई के बहाने वो सब साफ हो जाते हैं.ऐसा माना जता है कि भगवान राम के इस दिन वनवास से वापस लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे अयोध्या में दीपावली मनाई थी. हमें दीपवाली में कुछ नई परम्पराओं को जोड़ने की जरूरत है और कुछ पुरानी कुप्रथाओं को खत्म करने की जरूरत है.
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