एसपी sp2 sp3 संकरण को समझाइए
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Sp2 संकरण
एक ‘s’ कक्षक + दो ‘p’ कक्षक =
तीन ‘Sp2‘ संकर कक्षक
संकरण = Sp2
ज्यामिति = त्रिकोणीय समतल
बंध कोण = 120′
उदाहरण 1 : BCl3
5B = 1s2 2s2 2p1
संकरण = Sp2
ज्यामिति = त्रिकोणीय समतल
बंध कोण = 120′
BCl3 में केन्द्रीय परमाणु बोरोन (B) का Sp2 संकरण होता है , B के तीन अर्धपूरित Sp2 संकर कक्षक Cl की p कक्षक से अतिव्यापन कर तीन सिग्मा बन्ध बनाते है जिससे इसकी ज्यामिति त्रिकोणीय समतल व बंध कोण 120 डिग्री का होता है।
Explanation:
Sp3 संकरण : एक ‘s’ कक्षक + तीन ‘p’ कक्षक =
चार ‘Sp3‘ संकर कक्षक
संकरण = Sp3
ज्यामिति = चतुष्टफलकीय
बंध कोण = 109′ 28′
उदाहरण 1. : CH4 [केन्द्रीय परमाणु = C]
6C = 2[He] 2s2 2p2
संकरण = Sp3
ज्यामिति = चतुष्टफलकीय
बंध कोण = 109′ 28′
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