Hindi, asked by aryayavigha, 2 months ago

Esayy on earth's changing form in hindi

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Answered by jasnoor45
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Answer:

पृथ्वी के अस्तित्व में आने के समय से ही एक व्यवस्था रही है। किसी स्थान का ऋतु औसत मौसम है जो एक निश्चित समय में उसको प्रभावित करता है। वर्षा, सूर्य की किरणें, वायु, आद्रता एवं तापमान ऐसे कारक हैं जो किसी स्थान की ऋतु को प्रभावित करते हैं।

मौसम में परिवर्तन अचानक हो सकता है एवं इसका अनुभव किया जा सकता है, जबकि ऋतु परिवर्तन होने में लंबा समय लगता है इसलिए इसे अनुभव करना अपेक्षाकृत कठिन है। पृथ्वी के पूरे इतिहास के दौरान ऋतु परिवर्तन होता रहा है। हमेशा ही स्पष्ट रूप से परिभाषित ग्रीष्म एवं शीत ऋतु रही है एवं इस परिवर्तन के प्रति सभी जीवन रूपों ने अपने आप को ढाल लिया है।

गत 150-200 वर्षों के दौरान यह परिवर्तन अधिक तेजी से हो रहा है एवं कुछ विशेष प्रजाति के पौधों एवं जंतु इसके अनुसार स्वयं को नहीं ढाल पाएं हैं। मानवीय गतिविधियां परिवर्तन की इस गति के लिए जिम्मेदार है एवं वैज्ञानिकों के लिए यह चिंता का एक कारण है।

पृथ्वी के चारों ओर का वायुमंडल मुख्यतः नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%) तथा शेष 1% में सूक्ष्ममात्रिक गैसों (ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बिल्कुल अल्प मात्रा में उपस्थित होती हैं) से मिलकर बना है, जिनमें ग्रीन हाउस गैसें कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, ओजोन, जलवाष्प, तथा नाइट्रस ऑक्साइड भी शामिल हैं। ये ग्रीनहाउस गैसें आवरण का काम करती है एवं इसे सूर्य की पैराबैंगनी किरणों से बचाती हैं। पृथ्वी की तापमान प्रणाली के प्राकृतिक नियंत्रक के रूप में भी इन्हें देखा जा सकता है।

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