essay about flood happened in kerela in hindi language
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2018 केरल बाढ़
जुलाई-अगस्त २०१८ में केरल राज्य में आयी बाढ़
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अगस्त 2018 में भारतीय राज्य केरल में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ गयी। यह केरल में एक शताब्दी में आयी सबसे विकराल बाढ़ थी,[2] जिसमें अबतक 373 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, तथा 2,80,679 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा।[3] राज्य के सभी 14 जिलों को हाई एलर्ट पर रखा गया था।[4][5] केरल सरकार के अनुसार राज्य की 1/6 जनसंख्या बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।[6] केन्द्र सरकार ने इस त्रासदी को स्तर तीन की आपदा घोषित किया है।[7] [8]
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देश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में मालाबार तट पर करीब 39000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में एक बेहद खूबसूरत सूबा बसा हुआ है। नाम है केरल। इस राज्य की खूबसूरती ही है कि इसे ‘ईश्वर का अपना देश’ भी कहा जाता है।
ईश्वर का यह अपना देश बीते चार हफ्ते से राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियाँ बना हुआ है क्योंकि यहाँ सदी की सबसे भयावह बाढ़ ने जबरदस्त कहर बरपाया है।
करीब 3.33 करोड़ की आबादी वाला केरल कई सूचकांकों में दूसरे राज्यों से बेहतर है। प्रदूषण के मामले में भी दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों की तुलना में इस राज्य की चर्चा कम ही होती है। इस लिहाज से यह कल्पनातीत थी कि केरल कभी सदी की सबसे भयावह बाढ़ से रूबरू होगा। इसलिये जब बाढ़ आई, तो आम आवाम से लेकर सरकार तक को एकबारगी समझ नहीं आया कि यह कैसे हो गया और अब क्या करना चाहिए?
फिर भी केन्द्र और राज्य सरकारें, आमलोग और समाजसेवी बाढ़ में फँसी बड़ी आबादी को सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे।
बाढ़ का असर कमोबेश हर जिले में देखा गया था और इसके कारण 3 सौ से ज्यादा लोगों की जान चली गई। 11000 किलोमीटर रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया जबकि 20-50 हजार घरों को नए सिरे से बनाना होगा।
पिछले दिनों बारिश में कमी आने के बाद केरल में अब बाढ़ का खतरा धीरे-धीरे कम हो रहा है। लोगबाग भी राहत कैम्पों से अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। पानी जम जाने से घर की जो हालत हुई है, उसे सँवारना खर्चीली प्रक्रिया है।
एक अनुमान के मुताबिक केरल को बाढ़ से जितना नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिये तकरीबन 21 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। केरल सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत के लिये 10-10 हजार रुपए देने का एलान किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि बाढ़ से पीड़ित लोग नुकसान का आकलन कर सरकार के पास पंजीयन करा सकते हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
बाढ़ को लेकर काम करने वाले विशेषज्ञों की मानें, तो बाढ़ के दौरान की समस्याओं को लोग झेल चुके हैं लेकिन, सबसे बड़ी मुश्किल अब दोबारा केरल को सँवारना है। बाढ़ में जितनी मुश्किलें होती हैं, बाढ़ के जाने के बाद उससे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।