Hindi, asked by mahesh1831, 10 months ago

Essay about mother in hindi

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Answered by ItZCutiEGiRl
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❤️“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।

पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।

माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.

जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.

माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.

माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.

माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.

माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.❤️

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Answered by Saqibfizaali
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निबंध 1 (250 शब्द)

किसी के भी जीवन में एक माँ पहली, सर्वश्रेष्ठ और सबसे अच्छी व महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। वो एकमात्र ऐसी है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है।

अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है जितना कि हम काबिल नहीं होते है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें।



माँ और बच्चों के बीच में यहाँ एक खास बंधन होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश को अपने बच्चे के लिये कम नहीं करती और हमेशा अपने हर बच्चे को बराबर प्यार करती है लेकिन उनके बुढ़ापे में हम सभी बच्चे मिलकर भी उसे थोड़ा सा प्यार नहीं दे पाते है। इसके बावजूद वो हमें कभी गलत नहीं समझती और हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वो हमारी हर बात को समझती और हम उसे बेवकूफ नहीं बना सकते है।

वो नहीं चाहती कि हमें किसी दूसरे से तकलीफ पहुँचे और दूसरों से अच्छा व्यवहार करने की सीख देती है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है। हमारे जीवन में माँ के रुप में कोई भी नहीं हो सकता है। हम भी हमेशा पूरे जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखते है।

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