Essay about nature in Hindi
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हमारे आस-पास सब कुछ प्रकृति है जो बहुत खूबसूरत पर्यावरण से घिरी हुई है। हम हर पल इसे देख सकते है और इसका लुफ्त उठा सकते है। हम हर जगह इसमें प्राकृतिक बदलावों को देखते, सुनते, और महसूस करते है। हमें इसका पूरा फायदा उठाते हुये शुद्ध हवा के लिये रोज सुबह की सैर करने के बहाने घर से बाहर जाना चाहिये तथा प्रकृति के सुबह की सुंदरता का आनन्द उठाना चाहिये। हालाँकि सूर्योदय के साथ ये दिन में नारंगी और सूर्यास्त होने के दौरान ये पीले रंग सा हो जाता है। थोड़ा और समय बीतने के साथ ही काली रात का रुप ले लेता है।
प्रकृति के पास हमारे लिये सब कुछ है लेकिन हमारे पास उसके लिये कुछ नहीं है बल्कि हम उसकी दी गई संपत्ति को अपने निजी स्वार्थों के लिये दिनों-दिन बरबाद कर रहे है। आज के आधुनिक तकनीकी युग में रोज बहुत सारे आविष्कार हो रहे जिसका हमारी पृथ्वी के प्रति फायदे-नुकसान के बारे में नहीं सोचा जा रहा है। धरती पर हमेशा जीवन के अस्तित्व को संभव बनाने के लिये हमारी प्रकृति द्वारा प्रद्त्त संपत्ति के गिरते स्तर को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। अगर हमलोग अपने कुदरत को बचाने के लिये अभी कोई कदम नहीं उठाते है तो ये हमारी आने वाली पीढ़ी के लिये खतरा उत्पन्न कर देगा। हमें इसके महत्व और कीमत को समझना चाहिये इसके वास्तविक स्वरुप को बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिये।
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Answer:
प्रकृति के विषय को समझने के लिये इस पर आसान भाषण और निबंध दिये जा रहे है। इससे हमारे केजी से लेकर 10 तक के बच्चों और विद्याथर्यीं की शिक्षा में नई रचनात्मकता का प्रवेश होगा। प्रकृति हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को बताना चाहिये। तो, चलिये निबंध लेखन और भाषण व्याख्यान के द्वारा अपने बच्चों को कुदरत के करीब लाते है।धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है। एक माँ की तरह हमारा लालन-पालन, मदद, और ध्यान देने के लिये हमें अपने प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिये।अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। हमारी कुदरत ढ़ेर सारी प्राकृतिक सुंदरता से सुशोभित है जिसका हम किसी भी समय रस ले सकते है। पृथ्वी के पास भौगोलिक सुंदरता है और इसे स्वर्ग या शहरों का बगीचा भी कहा जाता है। लेकिन ये दुख की बात है कि भगवान के द्वारा इंसानों को दिये गये इस सुंदर उपहार में बढ़ती तकनीकी उन्नति और मानव जाति के अज्ञानता की वजह से लगातार ह्रास हो रहा है।
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