essay in 250 words यदि मैं प्रधानमंत्री होती in hindi
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हम संसार के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं जहाँ जनता का शासन अथवा उनकी सत्ता में प्रत्यक्ष भागीदारी होती हैं. जनता ही अपने प्रतिनिधियों को चुनकर सरकार बनाती हैं. देश में वैसे तो सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है उन्ही के नाम से समस्त सरकारी कार्य सम्पन्न किये जाते हैं मगर वास्तविक रूप से कार्यपालिका का शक्तियाँ प्रधानमंत्री में ही निहित होती हैं.
यदि मैं भारत की/का प्रधानमंत्री होती/ होता तो देश को विश्व की महाशक्ति बनाने के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें सही ढंग से कार्यान्वित करता. देश के किसान, मजदूर को समर्थ बनाएं बिना कोई भी देश विकसित नहीं बन सकता है. अतः मैं भारत के निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को अच्छी शिक्षा एवं रोजगार के अवसर देता तथा उन्हें अपने व्यवसायिक कार्यों में आने वाली रुकावटों को दूर कर समर्थ बनाने में योगदान देती.
मेरे लिए देश की प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे पहले जरुरी है कि मेरी पार्टी मुझे अपना प्रधानमंत्री का उम्मीद वार बनाए साथ ही मैं देश के मतदाताओं के समक्ष हमारी पार्टी का ऐसा घोषणा पत्र प्रस्तुत करू जिसमें वे वायदे हो जो आम आदमी के जीवन से जुड़े हो, आमजन के भावनात्मक जुड़ाव के लिए उनके दुःख दर्द को समझकर उन्हें दूर करने के व्यक्तिगत प्रयास भी करने होंगे.
चुनावों में बहुमत प्राप्त दल का नेता प्रधानमंत्री चुना जाता हैं. जो अपने मंत्रिमंडल और समस्त कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका में समन्वय स्थापित कर जन कल्याण के कार्य करता हैं. हमारे देश में आज भी सरकार के इन अंगों के बीच सामजस्य का अभाव देखा जाता हैं जिससे प्रत्यक्ष रूप से आमजन परेशान होता हैं उनके लिए विकास की योजनाएं व कार्य अफसरशाही तंत्र में लटक कर रह जाते हैं.
यदि मैं प्रधानमन्त्री होती तो देश में सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही, कामचोरी तथा मन मर्जी पर लगाम लगाने का कार्य करुगी, क्योंकि जब तक ऊपर से नीचे तक सभी कड़ीयों में सेवाभाव नहीं होगा तब तक जनकल्याण नहीं हो सकता, चाहे सरकारे कितने भी प्रयास करे सब निष्फल ही होगा.
आज भी हमारे देश की अधिकतर आबादी अपने सपने पुरे करने की तो छोड़ो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की जद्दोजहद में ही रहती हैं. आज भी हमारे शहर और गाँव सड़क, विद्युत्, पानी, शिक्षा चिकित्सा आदि के लिए तरस रहे हैं. किसान खाद, बीज, सिंचाई और बाजार से अभी भी दूर है. व्यापक स्तर पर ऐसे कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता है जिससे इन वंचित सुविधाओं को आमजन को आसानी से मुहैया करवा या जा सके.
यदि मैं प्रधानमंत्री होती तो मोदीजी की तरह ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान देती. उनकी कई योजनाएं जैसे सैन्य आधुनिकिकरण, नयें हथियारों एवं उन्नत तकनीक का स्वदेश निर्माण, तीनों सेनाओं के लिए समन्वयक संगठन की स्थापना तथा सेना को पर्याप्त शक्ति आदि पर मैं मौजूदा सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाती. साथ ही पाकिस्तान तथा आतंकवाद से लड़ने के लिए नई योजना बनाती जिसमें सबसे पहले हमारे सैनिकों के लिए बुलेट प्रूफ ड्रेस और उन्नत हथियार एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था करती.
हमारी
जिस तरह भारतीय संस्कृति और संस्कारों का तेजी से लोप हो रहा हैं हमारे लिए जितना जरुरी विकास और अन्य आवश्यकताएं है उससे कही अधिक जरुरी हमारी पहचान को बचाएं रखना भी हैं. यदि मैं प्रधानमंत्री होती तो भारतीय संस्कृति पर गर्व करने वाली भावनाओं को जन जन में भरने के लिए बहुआयामी प्रयास करती तथा देश विदेश में रह रहे भारतीयों के बीच इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास करती.
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