Hindi, asked by NirvanVardhan, 1 year ago

essay in hindi for class 5 new class my first day in 100 words

Answers

Answered by adnarendramodhi15
66
नगर निगम प्राथमिक विद्‌यालय से पाँचवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की तो नए विद्‌यालय में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ । पिताजी ने पड़ोस के उच्च माध्यमिक विद्‌यालय में दाखिला लेने की सहमति प्रदान की । संक्षिप्त टेस्ट के बाद विद्‌यालय में प्रवेश की अनुमति मिल गई । वह 3 अप्रैल की तारीख थी जिस दिन नए सत्र की पढ़ाई का आरंभ होना तय हुआ था ।

मैं अत्यंत उत्साहित था । नया विद्‌यालय, नई कक्षा, नए सहपाठी और नया माहौल । मन में तरह-तरह की भावनाएँ उठ रही थीं । कैसी होगी कक्षा, कौन-कौन से शिक्षक होंगे, कक्षा में बैठने के लिए किस तरह के फर्नीचर होंगे, विद्‌यालय में पढ़ाई की दिनचर्या कैसी होगी, कैंटीन है अथवा नहीं आदि विचार रह-रह कर मन में उठते थे । कुछ बातें सोचकर शरीर में रोमांच भी होता था । नगर निगम विद्‌यालय के छोटे एवं सीमित साधनों वाले विद्‌यालय से बड़े एवं सर्वसुविधा युका नए विद्‌यालय में प्रवेश करना सचमुच एक नया अनुभव था ।


NirvanVardhan: thank you so much
adnarendramodhi15: please mark as brainly answer
adnarendramodhi15: plzzzzz
NirvanVardhan: but how
NirvanVardhan: i dont no how to mark
NirvanVardhan: sorry
adnarendramodhi15: Please try
adnarendramodhi15: plzzzzz plz
Answered by Jannet143
55
HEY FRIEND ....

Plz check the spellings....as i am weak in hindi...

मै पाचँवी कक्षा की विद्यार्थी हूं। इसी वर्ष मैंने नए स्कूल में दाखिला लिया है। इस स्कूल का पहला दिन मुझे अच्‍छी तरह याद है। मेरे लिए यह बड़ा ही रोमांचक और यादगार दिन था। मैं एक दिन पहले से ही बहुत खुश और उत्तेजित थी।

पिताजी मेरे लिए नया स्कूल बैग, पुस्तकें लाए थे और मेरे लिए नई यूनिफॉर्म भी सिलवाई थी। मां ने कुछ सीखें दीं और पिताजी ने उत्साह भरे शब्दों के साथ मुझे स्कूल के लिए रवाना किया।स्कूल बस से मैं समय पर स्कूल पहुंच गई। प्रिंसिपल ने नए विद्यार्थियों का स्वागत किया। सभी विद्यार्थियों को तिलक लगाकर उनकी आरती भी उतारी गई। उन्होंने प्यार से मेरी पीठ थपथपाई। सभी बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट थी और कक्षा में भी उत्साह का वातावरण था।

कक्षा में सभी विद्या‍र्थियों से उनके नाम आदि के बारे में जानकारी ली गई। मैंने लंच ब्रेक में जाकर कैंटीन में कचोरियां भी खाईं। इसके बाद हम वापस अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए। फिर दो पीरियड के बाद गेम्स पीरियड आया। मैंने खो-खो खेला यह मेरा पसंदीदा खेल है।

छुट्‍टी की घंटी बजने पर बच्चे उछलकूद करते हुए विद्यालय परिसर से बाहर आ गए। बाहर खड़ी स्कूल बस में बैठकर हम अपने-अपने घरों को आ गए। रास्ते में भी हम सब ढेर सारी बातें करते हुए घर आए। मैं इस दिन को कभी नहीं भूलूंगी।

Hope it will help u

Plz mark me as braniest

Jannet143: plz mark me as braniest
Jannet143: Plz
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