Hindi, asked by shrtuisahay2723, 6 months ago

essay in Hindi in 200 words​

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Answered by vatsav56
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Explanation:

आजादी यह एक ऐसा शब्द है जो प्रत्येक भारतवासी की रगों में खून बनकर दौड़ता है। स्वतंत्रता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है। तुलसीदास जी ने कहा है 'पराधीन सपनेहुं सुखनाहीं' अर्थात्‌ पराधीनता में तो स्वप्न में भी सुख नहीं है। पराधीनता तो किसी के लिए भी अभिशाप है। जब हमारा देश परतंत्र था उस समय विश्व में न हमारा राष्ट्रीय ध्वज था, न हमारा कोई संविधान था।

आज हम पूर्ण स्वतंत्र हैं तथा पूरे विश्व में भारत की एक पहचान हैं। हमारा संविधान आज पूरे विश्व में एक मिसाल है। जिसमें समस्त देशवासियों को समानता का अधिकार है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज भी प्रेम, भाईचारे व एकता का प्रतीक है।

भारत वर्ष के महान संविधान रचयिता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान में विशेष रूप से भारत के प्रत्येक नागरिक को आजादी का अहसास कराया है अथवा विशेष अधिकार दिए हैं। जब से हमारा भारत आजाद हुआ है तभी से आर्थिक व तकनीकी रूप से हमारा देश सम्पन्नता की ऊंचाइयों तक पहुंचा है।

आज पूरे विश्व में भारत आशा की किरण बनकर सूर्य की भांति आकाश में चमक रहा है, यह सब आजाद भारत में ही संभव हुआ है। हमें ये आजादी आसानी से नहीं मिली है, इसके लिए देश के शूरवीरों व आजादी के मतवालों ने अपना बलिदान देकर दिलाई है, हमें उनका सदैव आभार मानना चाहिए।

आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह सब भारत माता के उन सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के नाम कर दिया था। भारत के प्रसिद्ध विद्वानों, कवियों, इतिहासकारों अथवा लेखकों ने भारत का सामाजिक रूप से सुधार करके भारत की आजादी में चार चांद लगाए।

आज भारत पूर्व विश्व में अतुल्य है। सामाजिक कुप्रथाओं का अंत हुआ, गरीबों का आर्थिक शोषण समाप्त हुआ तथा गांवों की दयनीय स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। आज भारत सहित पूरा विश्व आतंकवाद से जूझ रहा है, जो आजादी के नाम पर एक सबसे बड़ा कलंक है।

यह तो हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। कुछ लोग आतंकवाद का चोला पहन लेते हैं तथा निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं, देशवासियों में भय का माहौल पैदा करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप जनता में सरकारी नीतियों व देश के रक्षातंत्र के प्रति भ्रम उत्पन्न होता है। हम सभी भारतीय को चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ एकमत तथा एकजुट होकर सरकार को सहयोग करें।

यह हमारा सौभाग्य है कि हमने भारत की पुण्यभूमि पर जन्म लिया और आजादी के सुंदर वातावरण में सांस ली। देशप्रेम एक पवित्र भाव है जो हर नागरिक में होना अनिवार्य है। कुछ लोग अपने स्वार्थपूर्ति के लिए हमारे पवित्र देश को भ्रष्टाचार की चादर में समेट रहे हैं और देश की भोलीभाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। हमें एकजुट होकर ऐसे भ्रष्ट लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है तथा भ्रष्टाचार रूपी रावण का अतिशीघ्र दहन करना चाहिए।

भारत वर्ष को पहले की भांति सोने की चिड़िया बनाना है तथा आजादी का सही अर्थ समझना है, प्रत्येक भारतीय को अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा, तभी हमारा देश पूरे विश्व में एक महाशक्ति बनकर सामने आएगा। यही हमारा मुख्य ध्येय है।

भारत माता की जय, हम सब एक हैं, वन्दे मातरम्‌।

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