Hindi, asked by ankc9d6asatta, 1 year ago

essay in hindi language on saare jahan se acha hindustan hamara

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Answered by Shaizakincsem
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मैं अपनी भारत से प्यार करता हूं क्योंकि यह मेरी मां-देश नहीं है। मेरे आस पास के लोग सुंदर हैं परंपरा कुछ अद्वितीय है मेरी मां जीभ पृथ्वी पर सबसे सुंदर भाषा है भारत भर में फैली प्राकृतिक सौंदर्य वास्तव में आकर्षक है हम भारतीयों के बीच मिल रहे धार्मिक स्पर्श को दिल से छू रहे हैं इन सभी कारकों के अलावा, भारत के कई अन्य पहलुओं ने मुझे अपना प्यार रखने के लिए अपना ध्यान आकर्षित किया है। मैं समय की कमी की वजह से यहां केवल दो पहलुओं को बताना चाहता हूं।

हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं हर 25 किलोमीटर अलग संस्कृति का मनोरंजन करता है। यहां सभी प्रमुख धर्मों का पालन किया जाता है। सांप्रदायिक हिंसा दिन की प्रकृति हैं राजनीतिक दल राष्ट्रीय और साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर विविध हैं। इन सभी मतभेदों के बावजूद, हम एक महसूस करते हैं जब यह भारतीयता का मामला बन जाता है

यह मेरा भारत की रचनात्मकता के लिए ज़िम्मेदार ईमानदार शब्द है

बेशक, भारत के कई और कई कारक हैं, जिन्होंने अलग-अलग समय में अलग-अलग लोगों को आकर्षित किया है। इन सब बातों के लिए, मैं मेरा इंडिया प्यार करता हूं।
Answered by ssvijay738
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भारत देश सभी भारतवासियों के लिए स्वर्ग के समान सुन्दर है। इसने हमें जन्म दिया है। इसकी गोद में पलकर हम बड़े हुए हैं। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण हुआ है, इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम इससे प्यार करें तथा इसकी रक्षा के लिए हुम अपने प्राणों की आहुति भी दे दें।

महाराजा दुष्यंत और शकुंतला के न्यायप्रिय पुत्र भरत के नाम पर का नाम भारत पड़ा। हिन्दू बाहुल्य होने के कारन इसे  हिन्दुस्तान भी कहा जाता है।आधुनिक भारत उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में अरुणाचल से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ ह।मेरा प्रिय भारत संसार का सबसे बड़ा प्रजातान्त्रिक के अनुयायी मिल-जुलकर निवास करते हैं।भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य केवल भारतवासियों को ही मोहित नहीं करता वरन् विदेश में भी इसे देखने के लिए विदेशी हर साल काफी संख्या में भारत आते हैं। यह वह देश है जहां पर छह ऋतुएं समय-समय पर आती हैं और इस देश की धरती की गोद में अनेक प्रकार के अनाज, फूलों एवं फलों से भर देती है |

भारत के पर्वत, निझर, नदियां रेगिस्तान, वन-उपवन, हरे-भरे मैदान एवं समुद्रतट इस देश की शोभा के अंग हैं, जहां एक ओर कश्मीर में स्वर्ग दिखाई पड़ता है, वहीं दूसरी और केरल की हरियाली स्वर्गिक आनन्द से परिपूर्ण करती है। यहां अनेक नदियां हैं जो वर्ष भर इस देश की धरती को खींचती हैं उसे हरा-भरा बनाता ह और अन्न-उत्पादन में हमेशा सहयोग करती हैं।  

इस प्रकार धर्म, संस्कृति, दर्शनका संगम, संसारको शान्ति तथाअहिंसा । आत्ममुग्ध होकर महान् शायर इकबाल ने कहा थासारे जहा से अच्छा हिन्दोस्ता हमारा । हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलिस्ता हमारा। इस प्रकार हमारी यह धरती धन्य है और इसमें रहने वाले लोग भी बड़े सौभाग्यशाली हैं। हमें भारत देश पर गर्व है।


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