essay in hindi on agar mai bharat ka pradhan mantri hota
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अगर मैं प्रधान मंत्री होता तो मैं अपने उत्तरदायित्व अच्छी तरह निभावूंगा । अगले दस पंद्रह सालों में हिंदुस्तान को विकास होने में मदद करूंगा। ऐसे प्रणाली और परियोजनाएं बनाऊँगा जिस से देश में बहुत सारे उध्योग शुरू होने के लिए जो सुविधाएं चाहिए, उनकी आयोजन करूंगा।
बेरोजगारी निर्मूलन के लिए जो जो प्रणाली बनानी है, वे सब करूंगा। भ्रष्टाचार को कम करुंगा । अगर बेरोजगारी कम हो जाती है तो भारत देश प्रगति की ओर आगे बढ़ेगा। देश में निर्यात सामर्थ्य बढ़ाऊंगा। आयात कम करने के लिए जो कदम उठाना पड़ेगा, वो करूंगा। आयात कम करना है तो देश के अंदर का उत्पादन और अधिक करना है। आत्म निर्भरता बढ़ाना है ।
मेक इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ऊंगा। लेकिन मेक इन इंडिया से जो नए उत्पादन होंगे, उनसे विद्यमान उत्पादन और विद्यमान संस्थाओं को हानी न पहुंचे, यह भी देखूंगा। "मेड इन इंडिया" चिह्नित उत्पादनों का विदेशों में अफ्रीका, सौत अमेरिका या एशिया, या मध्य पूर्व में सब क्षेत्रों में विपणन करवाऊँगा ।
हिन्दुस्तानी रूपये की कीमत और विदेशी मुद्रा के बराबरी में रुपये का विनिमय दर और बढ़ाऊंगा । लोगों के मन में देश के प्रति इच्छा, गौरव, प्रेम बढ़ाना होगा । कम से कम अगले पाँच सालों में देश के अंदर की जो प्रगति विरोध कारण हैं, उन्हें घटाने का काम करूंगा । पूरे दुनिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत देश भी बढ़ रहा है। निरक्षरता और बेरोजगारी को घटाने के काम करूंगा ।
देश के जन संख्या यानि आबादी में घटाव लाने के लिए प्रयत्न करूंगा । मैं भी कुछ उपताड़क औध्योगिकी संस्थाओं का स्थापन करके उसका प्रबंध करूंगा । देश के नाम को दुनिया में रोशन करने के लिए जो करना है, वह करूंगा ।
बेरोजगारी निर्मूलन के लिए जो जो प्रणाली बनानी है, वे सब करूंगा। भ्रष्टाचार को कम करुंगा । अगर बेरोजगारी कम हो जाती है तो भारत देश प्रगति की ओर आगे बढ़ेगा। देश में निर्यात सामर्थ्य बढ़ाऊंगा। आयात कम करने के लिए जो कदम उठाना पड़ेगा, वो करूंगा। आयात कम करना है तो देश के अंदर का उत्पादन और अधिक करना है। आत्म निर्भरता बढ़ाना है ।
मेक इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ऊंगा। लेकिन मेक इन इंडिया से जो नए उत्पादन होंगे, उनसे विद्यमान उत्पादन और विद्यमान संस्थाओं को हानी न पहुंचे, यह भी देखूंगा। "मेड इन इंडिया" चिह्नित उत्पादनों का विदेशों में अफ्रीका, सौत अमेरिका या एशिया, या मध्य पूर्व में सब क्षेत्रों में विपणन करवाऊँगा ।
हिन्दुस्तानी रूपये की कीमत और विदेशी मुद्रा के बराबरी में रुपये का विनिमय दर और बढ़ाऊंगा । लोगों के मन में देश के प्रति इच्छा, गौरव, प्रेम बढ़ाना होगा । कम से कम अगले पाँच सालों में देश के अंदर की जो प्रगति विरोध कारण हैं, उन्हें घटाने का काम करूंगा । पूरे दुनिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत देश भी बढ़ रहा है। निरक्षरता और बेरोजगारी को घटाने के काम करूंगा ।
देश के जन संख्या यानि आबादी में घटाव लाने के लिए प्रयत्न करूंगा । मैं भी कुछ उपताड़क औध्योगिकी संस्थाओं का स्थापन करके उसका प्रबंध करूंगा । देश के नाम को दुनिया में रोशन करने के लिए जो करना है, वह करूंगा ।
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