Essay in hindi on Corona kal mai schooli shiksha.
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kuch padhai nahi ho rahi hai schools mein
कोविड-19 के नाम से पुकारे जाने वाले इस वायरस का पूरा नाम कोरोना-वायरस है। यह वायरस आज संपूर्ण विश्व में ज्वाला मुखी की भांति फैलता जा रहा है। चीन से शुरु होने वाला यह वायरस भारत समेत अनेक देशों के करोड़ों निवासियों की जान ले चुका है। अभी भी इसका खतरा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर मंडरा रहा है।
कोविड-19 की महामारी ने आज समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था, शैक्षिक व्यवस्था तथा सामाजिक स्तर को अत्यंत प्रभावित किया है। कोविड-19 के प्रभाव के कारण सरकार द्वारा लॉकडाउन के दिशा निर्देश समय समय पर दिए गए। इस निर्देश के चलते स्कूल, कॉलेज को पूर्णता बंद कर दिया गया है। इस स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की गई, परंतु ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले छात्र- छात्राओं के लिए यह व्यवस्था ज्यादा कारगर साबित नहीं हो सकेगी। क्योंकि वहां अधिकतर लोगों के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए ना तो एंडरॉइड फोन है और नेट की उचित व्यवस्था है। ऐसे में आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार के छात्रों के लिए पढ़ाई करना बेहद मुश्किल है।
कोविड-19 के प्रभाव के कारण विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं को भी निरस्त कर दिया गया। जिनसे विद्यार्थियों के आत्म विश्वास पर भी असर पड़ा। परीक्षाओं के ना होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। नए सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी आगे मुश्किल का सामान करना पड़ेगा।
भविष्य में शिक्षा प्रणाली को पुनः उचित स्तर पर लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने पड़ेंगे। कोविड-19 के कारण उत्पन्न यह स्थिति विद्यार्थियों के मनोबल को तथा पढ़ाई के हेतु उनके लगन को ठेस पहुंचा रही है। इस समय यह आवश्यकता है कि अभिभावक अपने बच्चों को घर पर पढ़ाई करने के लिए उत्साहित करे ताकि शिक्षा के प्रति उनकी रुचि में कमी ना आए। साथ ही विद्यार्थी अपने साथियों के साथ आपस में पढ़ाई से संबंधित चर्चा करें। इससे उनके ज्ञान में संभावित रूप से वृद्धि होगी।