Essay in Hindi on "India of my Dreams"
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"वक़्त कम है, जितना दम है लगा दो,
कुछ लोगों को में जगाता हूँ, कुछ को तुम जग दो। "
- श्री नरेन्द्र मोदी (भारत के प्रधानमंत्री )
विश्व भर में भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उदार दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। यहां केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं बल्कि खनिज संपदा भी बहुतायत में है। यहां हर कोने में इतिहास ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। प्राचीन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। केवल भारत ही ऐसी भूमि है जहां करोड़ो देवी देवताओं की पूजा करी जाती है। मुझे गर्व है कि इस पावन धरती पर मुझे जन्म लेने का अवसर प्राप्त हुआ।
मैं एक संयुक्त और समृद्ध भारत का सपना देखती हूँ। मैं चाहती हूँ कि भारत केवल एक विकासशील देश ही नहीं हैं बल्कि वह एक विश्व शक्ति बने । मेरा सपना है कि भारत सभी क्षेत्रों में प्रगति करे - फिर चाहे वोह क्षेत्र रॉकेट विज्ञान का हो, कृषि का, जैव प्रौद्योगिकी या शिक्षा का एक क्षेत्र हो। एक ऐसा देश जहां भ्रष्टाचार का कोई नामो-निशान न हो। हर नागरिक को जीवन की बुनियादी ज़रूरतों के लिए किसी के सामने भीख न मांगनी पड़े और जहां भोजन और रोजगार की कोई कमी नहीं हो। मैं आत्म निर्भर देश का सपना देखती हूँ जहां आर्थिक विकास के साथ साथ न्याय और शांति का शासन हो। भारतीयों ने दुनिया भर में अपनी बुद्धि का लोहा मनवाया है। परन्तु साधनों की कमी के कारण कई प्रतिभाशाली भारतीयों को विदेश जाना पड़ता है ताकि वे अपने क्षेत्र में सफल हो सकें। में चाहती हूँ की मेरे सपनो के भारत में न तोह प्रतिभा की कमी हो और न ही साधनी का आभाव।
मैं एक संयुक्त और आर्थिक रूप से स्थिर भारत के सपने देखती हूँ । मेरे सपनों का भारत में हर जगह प्रचलित भाईचारा, अहिंसा और समृद्धिहोगी । अमीर और गरीब के बीच आर्थिक अंतर नहीं होग । अवसरों पर केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होगा। वहाँ निष्पक्ष न्याय होगा और भ्रष्टाचार को स्रोत से उखाड़ दिया जाएगा। महिलाओं को पुरुषों को समान अवसर प्राप्त होंगे और लैंगिक भेदभाव का अंत होगा। हर बच्चे को , चाहे वह एक लड़का हो या लड़की , उचित शिक्षा प्राप्त होगी । सब लोग मिल जुलकर प्रेम से रहेंगे और किसी प्रकार के भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं होगा। सभी को समान अधिकार दिए जायेंगे और भारत एक विश्व गुरु कहलायेगा। यह सब तभी हो सकता है जब देश का प्रत्येक नागरिक आज से ही इस सपने को सच करने में अपना योगदान देने का प्रण करे और आज से ही कार्यरत हो जाये।
कुछ लोगों को में जगाता हूँ, कुछ को तुम जग दो। "
- श्री नरेन्द्र मोदी (भारत के प्रधानमंत्री )
विश्व भर में भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उदार दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है। यहां केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं बल्कि खनिज संपदा भी बहुतायत में है। यहां हर कोने में इतिहास ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। प्राचीन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। केवल भारत ही ऐसी भूमि है जहां करोड़ो देवी देवताओं की पूजा करी जाती है। मुझे गर्व है कि इस पावन धरती पर मुझे जन्म लेने का अवसर प्राप्त हुआ।
मैं एक संयुक्त और समृद्ध भारत का सपना देखती हूँ। मैं चाहती हूँ कि भारत केवल एक विकासशील देश ही नहीं हैं बल्कि वह एक विश्व शक्ति बने । मेरा सपना है कि भारत सभी क्षेत्रों में प्रगति करे - फिर चाहे वोह क्षेत्र रॉकेट विज्ञान का हो, कृषि का, जैव प्रौद्योगिकी या शिक्षा का एक क्षेत्र हो। एक ऐसा देश जहां भ्रष्टाचार का कोई नामो-निशान न हो। हर नागरिक को जीवन की बुनियादी ज़रूरतों के लिए किसी के सामने भीख न मांगनी पड़े और जहां भोजन और रोजगार की कोई कमी नहीं हो। मैं आत्म निर्भर देश का सपना देखती हूँ जहां आर्थिक विकास के साथ साथ न्याय और शांति का शासन हो। भारतीयों ने दुनिया भर में अपनी बुद्धि का लोहा मनवाया है। परन्तु साधनों की कमी के कारण कई प्रतिभाशाली भारतीयों को विदेश जाना पड़ता है ताकि वे अपने क्षेत्र में सफल हो सकें। में चाहती हूँ की मेरे सपनो के भारत में न तोह प्रतिभा की कमी हो और न ही साधनी का आभाव।
मैं एक संयुक्त और आर्थिक रूप से स्थिर भारत के सपने देखती हूँ । मेरे सपनों का भारत में हर जगह प्रचलित भाईचारा, अहिंसा और समृद्धिहोगी । अमीर और गरीब के बीच आर्थिक अंतर नहीं होग । अवसरों पर केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होगा। वहाँ निष्पक्ष न्याय होगा और भ्रष्टाचार को स्रोत से उखाड़ दिया जाएगा। महिलाओं को पुरुषों को समान अवसर प्राप्त होंगे और लैंगिक भेदभाव का अंत होगा। हर बच्चे को , चाहे वह एक लड़का हो या लड़की , उचित शिक्षा प्राप्त होगी । सब लोग मिल जुलकर प्रेम से रहेंगे और किसी प्रकार के भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं होगा। सभी को समान अधिकार दिए जायेंगे और भारत एक विश्व गुरु कहलायेगा। यह सब तभी हो सकता है जब देश का प्रत्येक नागरिक आज से ही इस सपने को सच करने में अपना योगदान देने का प्रण करे और आज से ही कार्यरत हो जाये।
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मेरे सपनों का भारत पर निबंध
भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोग एक-दूसरे के साथ सद्भाव में रहते हैं। हालांकि अभी भी देश के कई हिस्सों में किसी व्यक्ति के लिंग, जाति, पंथ, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव किया जाता है। मेरे सपनों का भारत ऐसा भारत होगा जहां किसी से ऐसा कोई भेदभाव नहीं है। भारत ने पिछले कुछ दशकों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में बहुत विकास देखा है। मैं एक पूरी तरह से विकसित देश के रूप में भारत का सपना देखता हूं, जो न केवल उपर्युक्त क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करेगा बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी बरकरार रखेगा।
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