Essay in Hindi on jako rakhe saiyan maar sake Na koi with muhavres in it
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मैं वैली स्कूल में आई. सी. एस. ई में भी हिंदी पढ़ाती हूँ । इस बोर्ड के हिंदी पेपर में कहावत के ऊपर एक निबंध पूछा जाता है । बच्चों से कई सारी कहावतों पर निबंध लिखाना मुश्किल है इसलिए हर छात्र-छात्रा को अलग-अलग कहावत दी जाती है जिस पर वे निबंध लिखते हैं और फिर कक्षा में सब छात्र-छात्राएँ अपने लिखे निबंध पढ़ते हैं जिससे सबको कहावतें भी समझ आ जाएँ और परीक्षा में उन्हें कोई मुश्किल न हो । इन कहावतों पर लिखे निबंधों को छात्र-छात्रों को सुनाया जा सकता है या उन्हें पढ़ने के लिए दिया जा सकता है जिससे उन्हें कहावतों का अर्थ अच्छी तरह से समझ आ सके । हर कहावत के आगे वर्ष लिखा गया है , इसका मतलब है कि यह कहावत बोर्ड में उस वर्ष में पूछी गई है । आशा है कि यह सामग्री अध्यापकों और अध्यापिकाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी होगी ।
HOPE IT HELP YOU
MARK AS BRAINLIST
कभी-कभी किस्मत के आगे मौत भी घुटने टेक देती है अर्थात जिसके ऊपर भगवान का हाथ होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इस संसार में जो आता है, उसे जाना होता है। यह सत्य अटल है। परन्तु यह सत्य भी अटल है कि जिस के सर पर भगवान का हाथ होता है, वह भयंकर स्थिति से भी बाहर आ जाता है। इसका स्पष्ट उदाहरण है सुनामी से बचे लोग। अचानक आई सुनामी में लाखों लोग बेघर हो गए और हज़ारों लोग मृत्यु को प्राप्त हुए परन्तु कुछ ऐसे भी थे जो मृत्यु के मुँह से बचकर आ गए।
इनमें छोटे-छोटे बच्चे विद्यमान थे। एक परिपक्व व्यक्ति स्वयं को बचाने के लिए प्रयास कर सकता है। परन्तु छोटे-छोटे बच्चों में इतनी समझ विद्यमान नहीं होती है कि वह स्वयं को बचा सके और इतनी भयंकर स्थिति में तो बिलकुल नहीं। तब ऐसी भयंकर स्थिति में वे बचकर आ गए। उन्हें देखकर अन्यास निकल जाता है कि जाको राखे सांईयाँ, मार सके न कोई।
संसार में कुछ ऐसे लोग हैं जो अपना दिमाग सिर्फ नष्ट करने में डालते हैं । शायद उनमें कुछ दुर्बुद्धि हो, कोई कमज़ोरी या शायद उनका दिमाग ठीक न हो लेकिन ऐसे लोग होते हैं जो अपना पूरा हृदय नष्ट करने में लगा देते हैं । लेकिन कभी-कभी हम देखते हैं कि पूरी कोशिश करने के बाद भी कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जो नष्ट नहीं होती हैं । कोई आदमी दूसरे लोगों को मारता जाता है, लेकिन कुछ दिन बाद उसे एक ऐसा इन्सान मिल जाता है जो पूरी कोशिश करने के बाद भी मरता ही नहीं । ऐसी घटना होने पर मानव यह कहता है कि यह चमत्कार की बात है या कोई जादू हो गया है । ऐसी घटना होने पर मुझे लगता है "जाको राखे साईयाँ, मार सके न कोई" यह तथ्य सच है ।
मेरा मानना है कि यदि किसी इन्सान में जीवित रहने की अधिक इच्छा हो , मन में ज़्यादा हिम्मत हो और यदि भगवान चाहते हैं कि यह आदमी ज़िन्दा रहे, तो इस इन्सान को कोई नहीं छू सकता है ।
जाको राखे साइयां मार सके न कोय की कहावत बार फिर चरितार्थ हुई है। चलती ट्रेन पर चढ़ते समय महिला की गोद से उसका तीन वर्ष का बच्चा छूट कर प्लेटफार्म और गाड़ी के बीच में गिर गया। यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी और बच्चे को सकुशल बाहर निकाला गया। दुर्घटना में बच्चे को मामूली खरोंच ही आई। दंपती बच्चे को साथ लेकर उसी ट्रेन से गंतव्य के लिए रवाना हो गए।
मेरा विश्वास है कि यदि इन्सान में हिम्मत हो, इच्छा हो, यदि वह अपनी ज़िंदगी में कुछ करने वाला हो तो भगवान उसका ध्यान रखेगा अर्थात यदि किसी कारण के लिए परमात्मा चाहते हैं कि वह आदमी ठीक रहे, ज़िंदा रहे, उस आदमी को कुछ नहीं हो सकता है । इसीलिए हम कहते हैं "जाको राखे साइयाँ मार सके न कोई ।"