essay in hindi on kaisa shasan bina anushasan
Answers
शासकों में अनुशासन की आवश्यकता – अनुशासन बनाने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी शासकों की होती है | जिस देश के शासक खुद अनुशासित होते है, वहां का शासन ही नहीं पूरा जन-जीवन अनुशासित हो जाता है | जनता सता अपने बड़ो का आचरण देखती है | जब राजा धुड तपस्वी हो जाये तो जनता भोग-विलास की छूट नहीं ले सकती |
देश की वर्तमान स्थिति – दुर्भाग्य से आज स्थिति यह है कि शासन करने वाले लीग अपने-आप को सभी नियमों से ऊपर समझते है | वे अनुशासन का पालन करने में अपना अपमान मानते है | वे खुद को खुदा समझते लगते है | इसी कारन उनकी गर्दन अकड़ जाती है | वे अपनी मनमानी करे है | हे स्वय की नियम-निर्माता मानते है |
कैसा शासन बिना अनुशासन।
Explanation:
शासन और अनुशासन में एक बहुत गहरा संबंध है। अनुशासन का एक व्यक्ति के जीवन को व्यवस्थित करने में बहुत अधिक महत्व होता है। अनुशासन में रहकर कार्य करने से कार्य थे ढंग से पूर्ण होता है और इससे हमारा जीवन सही राह पर चलता है।
किसी भी देश के विकास में अनुशासन का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि शासक अपने तजुर्बे और अनुभव से बेशक शासन करने लेकिन यदि उन्हें अनुशासन नहीं है तो वह शासन किसी काम का नहीं। यदि कोई अनुशासित शासक शासन करता है तो देश के सभी लोग उस शासक की वाहवाही करते हैं और उसके जैसा बनने का प्रयास करते हैं। लेकिन यदि एक शासक स्वयं अनुशासन में नहीं रहेगा तो उसके राज्यों के लोग उसका आचरण कभी नहीं करेंगे और ना उसके शासन का ही कोई महत्व रहेगा। देश या राज्य पर शासन करने के लिए सभी गुणों में से एक भूत आवश्यक गुण अनुशासन है। अनुशासन के दम पर एक देश भविष्य में विकास के मार्ग पर चलता है और देश में सुख शांति आती है।
यदि कोई शशक बिना अनुशासन के शासन करता है तो यह किसी प्रकार के शासन की परिभाषा में नहीं आता है।
ऐसे और निबंध पढ़ने के लिए दिए गए लिंक को खोलें
समय अनमोल है या समय का सदुपयोग समय - पर निबंध लिखें
brainly.in/question/9117738
समय बहुमूल्य है
brainly.in/question/4838207