essay in hindi on Lakshya
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रखना चाहिए। एक लक्ष्य ही होता है, जो हमें हमारे सपनों तक पहुंचा सकता है और हमें एक अलग पहचान दे सकता है। जिस व्यक्ति का कोई सपना नहीं होता, कोई लक्ष्य नहीं होता, वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता। ऐसे लोगों को ही अक्सर कहते सुना है कि हमारी किस्मत ही हमारे साथ नहीं है। अगर हम मेहनत ही नहीं करेंगे तो हमें फल कहां से मिलेगा। इसीलिए भगवान ने भी गीता में कहा है कि कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो।
देखा जाए तो आपको हर व्यक्ति से सुनने को मिलेगा कि हमारा लक्ष्य यह है, हम यह बनना चाहते हैं। कुछ लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं, कुछ लोगों को बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी होती है, इसलिए वे शिक्षक बनना चाहते हैं, कुछ लोग अभिनेता बनना चाहते हैं, जबकि वहीं कुछ लोग नेता बनना चाहते हैं। हमारा तात्पर्य यह है कि इंसान वही बनना चाहता है, जिसमें उसकी रूचि होती है। जिसमें वह आत्मसमर्पण से मेहनत कर सकता है।
कुछ लोग अपने लक्ष्य को अपनी हैसियत के हिसाब से चुनते हैं, तो कुछ लोग अपने लक्ष्य अपनी सोच के हिसाब से। जिसकी जैसी सोच होती है, वैसा ही वह लक्ष्य चुनता है। कुछ लक्ष्य तो सुनने में और करने में अच्छे होते हैं, परंतु कुछ लक्ष्य ऐसे होते हैं जो हमें अपने लक्ष्य से भ्रमित कर सकते हैं।