essay in Hindi on newspaper
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Hi..
आजकल, बिना समाजार पत्र के जीवन की कल्पना करना कठिन है। यह वो पहली और आवश्यक वस्तु है, जिसे सभी हर सुबह सबसे पहले देखते हैं। यह पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है। यह हमें इस बात की जानकारी देता है कि समाज, देश और विश्व में क्या चल रहा है। अखबार विश्व के हरेक कोने से प्रत्येक सूचना और खबर व सभी के प्रमुख विचारों को लाता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनितिज्ञों, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगारों, खेल, अन्तर्राष्ट्रीय समाचार, विज्ञान, शिक्षा, दवाईयों, अभिनेताओं, मेलों, त्योहारों, तकनीकियों आदि की जानकारी देता है। यह हमारे ज्ञान कौशल और तकनीकी जागरुकता को बढ़ाने में मदद करता है।
आजकल, बिना समाजार पत्र के जीवन की कल्पना करना कठिन है। यह वो पहली और आवश्यक वस्तु है, जिसे सभी हर सुबह सबसे पहले देखते हैं। यह पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है। यह हमें इस बात की जानकारी देता है कि समाज, देश और विश्व में क्या चल रहा है। अखबार विश्व के हरेक कोने से प्रत्येक सूचना और खबर व सभी के प्रमुख विचारों को लाता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनितिज्ञों, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगारों, खेल, अन्तर्राष्ट्रीय समाचार, विज्ञान, शिक्षा, दवाईयों, अभिनेताओं, मेलों, त्योहारों, तकनीकियों आदि की जानकारी देता है। यह हमारे ज्ञान कौशल और तकनीकी जागरुकता को बढ़ाने में मदद करता है।
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समाचार पत्र पर निबन्ध |
1. भूमिका:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी (A Social Being) है क्योंकि उसमें बुद्धि और ज्ञान है । जितना ज्ञान मनुष्य में रहता है, वह उससे और अधिकपाना चाहता है औ रइसके लिए तरह-तरह के साधनों (Means) का आविष्कार (Invention Discovery) करता रहता है । संसार भर की घटनाओं (Incidents) के बारे में ताजा जानकारी (Fresh information) पाने का ऐसा ही एक साधन है समाचार-पत्र ।
आज सूचना और जानकारी पाने के अनेक साधनों का आविष्कार हो चुका है जैसे रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल टेलीफोन, इन्टरनेट द्वारा ई-मेल, वेबसाइट इत्यादि । किन्तु आज भी समाचार पत्रों का अपना एक अलग स्थान है ।
2. विकास:
प्राचीन काल (Ancient times) में समाचार पाने और भेजने के साधन थे – कबूतर, घोड़ा, बाज (Hawk) तथा संदेशवाहक (Messenger) आदि । भ्रमणकारी (Travellers), पंडित तथा फकीर आदि भी संदेश (Message) लाने-ले जाने का काम करते थे ।
देवताओं के संदेशवाहक नारद के बारे में तो सबने सुना होगा । वे तीनों लोकों में घूमते रहते थे और एक स्थान का समाचार दूसरे स्थान के लोगों को देते थे । आज के नारद हैं समाचार-पत्र । छापाखाना (Press) के आविष्कार के बाद समाचार पत्र छपने लगे । मुगलों के जमाने में भारत का पहला अखबार (Newspaper) निकला ‘अखबार इ मुअल्ले’ जो हाथ से लिखा जाता था ।
अंग्रेजों के समय में सन् 1780 में कलकत्ता से ‘इंडियन गजट’ नाम का समाचार पत्र निकला । इससे पहले हॉलैंड में 1526 में ही समाचार-पत्र निकलना शुरू हो गया था । हिन्दी का पहला पत्र ‘उदन्त मार्तंड’ था, जो सन् 1826 में कोलकाता में निकला था ।
आज दुनिया की सभी भाषाओं में समाचार-पत्र निकलते हैं । हिन्दी में दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर, राष्ट्रीय सहारा, जनसत्ता आदि प्रमुख समाचार पत्र आज-कल प्रकाशित हो रहे हैं । समाचार पत्र पी.टी.आई, भाषा, यू.एन.आई. यूनी.वार्ता, ए.ए.फपी, रॉयटर आदि एजेंसियों से टेलीप्रिंटरों और फैक्स के द्वारा समाचार तथा तस्वीरें प्राप्त करते हैं जिसके लिए अनेक संवाददाता (Correspondants ; News Reports) संसार के अनेक कठिन स्थानों पर पहुँचते रहते हैं और घर बैठे हमें सभी जगहों का समाचार मिल जाता है ।
3. लाभ-हानी:
समाचार पत्रों से हमें कहानियाँ चुटकले, लेख आदि अनेक प्रकार की चीजें पढ़ने को मिल जाती हैं । वे हमें सरकारों के बारे में बताते हैं और सरकारों (Governments) को हमारे बारे में । समाचार पत्र यदि कोई गलत समाचार प्रकाशित कर दें या गलत विचार फैला दें तो इससे समाज की बड़ी हानि हो सकती है । व्यापार के लिए ये वरदान (Boon) या अभिशाप (Bane) साबित हो सकते हैं ।
4. उपसंहार:
ADVERTISEMENTS:
समाचार पत्र हमारे जीवन की एक जरूरी आवश्यकता (Essential Need) बन चुके हैं । इसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता । समाचार पत्र राजा को रैक बना सकता है और रैक को राजा बना सकता है ।
1. भूमिका:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी (A Social Being) है क्योंकि उसमें बुद्धि और ज्ञान है । जितना ज्ञान मनुष्य में रहता है, वह उससे और अधिकपाना चाहता है औ रइसके लिए तरह-तरह के साधनों (Means) का आविष्कार (Invention Discovery) करता रहता है । संसार भर की घटनाओं (Incidents) के बारे में ताजा जानकारी (Fresh information) पाने का ऐसा ही एक साधन है समाचार-पत्र ।
आज सूचना और जानकारी पाने के अनेक साधनों का आविष्कार हो चुका है जैसे रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल टेलीफोन, इन्टरनेट द्वारा ई-मेल, वेबसाइट इत्यादि । किन्तु आज भी समाचार पत्रों का अपना एक अलग स्थान है ।
2. विकास:
प्राचीन काल (Ancient times) में समाचार पाने और भेजने के साधन थे – कबूतर, घोड़ा, बाज (Hawk) तथा संदेशवाहक (Messenger) आदि । भ्रमणकारी (Travellers), पंडित तथा फकीर आदि भी संदेश (Message) लाने-ले जाने का काम करते थे ।
देवताओं के संदेशवाहक नारद के बारे में तो सबने सुना होगा । वे तीनों लोकों में घूमते रहते थे और एक स्थान का समाचार दूसरे स्थान के लोगों को देते थे । आज के नारद हैं समाचार-पत्र । छापाखाना (Press) के आविष्कार के बाद समाचार पत्र छपने लगे । मुगलों के जमाने में भारत का पहला अखबार (Newspaper) निकला ‘अखबार इ मुअल्ले’ जो हाथ से लिखा जाता था ।
अंग्रेजों के समय में सन् 1780 में कलकत्ता से ‘इंडियन गजट’ नाम का समाचार पत्र निकला । इससे पहले हॉलैंड में 1526 में ही समाचार-पत्र निकलना शुरू हो गया था । हिन्दी का पहला पत्र ‘उदन्त मार्तंड’ था, जो सन् 1826 में कोलकाता में निकला था ।
आज दुनिया की सभी भाषाओं में समाचार-पत्र निकलते हैं । हिन्दी में दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर, राष्ट्रीय सहारा, जनसत्ता आदि प्रमुख समाचार पत्र आज-कल प्रकाशित हो रहे हैं । समाचार पत्र पी.टी.आई, भाषा, यू.एन.आई. यूनी.वार्ता, ए.ए.फपी, रॉयटर आदि एजेंसियों से टेलीप्रिंटरों और फैक्स के द्वारा समाचार तथा तस्वीरें प्राप्त करते हैं जिसके लिए अनेक संवाददाता (Correspondants ; News Reports) संसार के अनेक कठिन स्थानों पर पहुँचते रहते हैं और घर बैठे हमें सभी जगहों का समाचार मिल जाता है ।
3. लाभ-हानी:
समाचार पत्रों से हमें कहानियाँ चुटकले, लेख आदि अनेक प्रकार की चीजें पढ़ने को मिल जाती हैं । वे हमें सरकारों के बारे में बताते हैं और सरकारों (Governments) को हमारे बारे में । समाचार पत्र यदि कोई गलत समाचार प्रकाशित कर दें या गलत विचार फैला दें तो इससे समाज की बड़ी हानि हो सकती है । व्यापार के लिए ये वरदान (Boon) या अभिशाप (Bane) साबित हो सकते हैं ।
4. उपसंहार:
ADVERTISEMENTS:
समाचार पत्र हमारे जीवन की एक जरूरी आवश्यकता (Essential Need) बन चुके हैं । इसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता । समाचार पत्र राजा को रैक बना सकता है और रैक को राजा बना सकता है ।
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