essay in hindi on pollution 10 to 15 sentences
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प्रदूषण, तत्वों या प्रदूषकों के वातावरण में मिश्रण को कहा जाता है। जब यह प्रदूषक हमारे प्राकृतिक संसाधनो में मिल जाते है। तो इसके कारण कई सारे नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न होते है। प्रदूषण मुख्यतः मानवीय गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होते है और यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रभावों के कारण मनुष्यों के लिए छोटी बीमारियों से लेकर अस्तित्व संकट तक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
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प्रदूषण विश्व की बढ़ती समस्या है जिसके कारण हमारे पर्यावरण यानी जल, वायु, मिट्टी आदि दूषित हो रहे हैं जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है|जल की शुद्धता व उपयोगिता में कमी आना ही जल प्रदूषण है जो जल में दूषित पदार्थों के विसर्जन मानव अपशिष्ट आदि कारणों से होता है|आधुनिक युग में प्रदूषण मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा रेडियोधर्मी प्रदूषण|वायु की गुणवत्ता व उपयोगिता में कमी आना ही वायु प्रदूषण है जो वाहनों का धुआं, उद्योग द्वारा उत्पन्न धुआं एवं गैसों, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई आदि कारणों से होता है|वातावरण में अवांछित शोर या ध्वनि ही ध्वनि प्रदूषण हैं जो वाहनों, कारखानों द्वारा उत्पन्न ध्वनि, लाउडस्पीकर, बिजली उपकरण द्वारा उत्पन्न ध्वनि आदि के कारण होता है|मिट्टी की उत्पादन क्षमता व गुणवत्ता में कमी मृदा प्रदूषण है जो उद्योगों द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट, प्लास्टिक, कांच आदि के मर्दा में मिश्रित होने के कारण होता है|ठोस, द्रव तथा गैसीय पदार्थों में रेडियोधर्मी विकिरण होना, रेडियोधर्मी प्रदूषण है जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन, x-ray मशीन आदि के कारण होता है|अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाकर हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं|पेट्रोल-डीजल के स्थान पर सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल कर हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं|प्रदूषण पर नियंत्रण संबंधित जानकारी से अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराकर हम इस पर नियंत्रण कर सकते हैं|प्लास्टिक व कांच की वस्तुओं को कम से कम इस्तेमाल कर व रीसायकल प्रक्रिया के द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं|