Hindi, asked by trupti2869, 6 months ago

essay in hindi on samudra ke kinare ek sham​

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Answered by brajaraj222
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Explanation:

शाम को किसी प्राकृतिक स्थान की सैर करना मुझे अच्छा लगता है। हरेभरे मैदान, पर्वत प्रदेश, मंदिर, नदी किनारा और समुद्र का किनारा ऐसे कई स्थल मुझे अपनी और खीचते है।

Sea shore

पिछले रविवार की शाम मै घूमते घूमते अपने मित्रों के साथ पहुँच गया एक समुद्र के किनारे। एक और सागर हिलोरे ले रहा था तो दूसरी ओर मानव- महासागर। बच्चों को तो जैसे स्वर्ग मिल गया हो ऐसे ख़ुशी के मारे उछल कूद कर रहे थे। छोटे छोटे बच्चे ऐसे खेल रहे थे जैसे की बाग में तितलियाँ उड़ रही हो। कई लोग तट पर बैठे हुए थे और शांत मन से अपनी बातो में खोए हुए थे। युवावस्था के लोग समुद्र के किनारे पानी में बैठ कर उसका मजा उठा रहे थे। तो कई लोग अपने अपने मोबाइल से गाने सुन रहे थे। वहाँ पर एक चित्रकार भी था जो इस सुंदर दृश्य का चित्र बना रहा था। कुछ लोग चेहरे पर हँसी लेकर यहाँ वहाँ टहल रहे थे।

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समुद्र की शोभा:

समुद्र की मनचलि लहरे इस तरह किनारे के पास आ रही थी, मानो जैसे कोई दूर खड़ा हमें संदेश भेज रहा हो और वो हमें सुनाने आ रही हो। शीतल, मंद पवन के स्पर्स से शरीर और मन दोनो प्रफुल्लित हो उठे थे। सूर्य अपनी किरने लगभग समेट चुका था और उसकी लालिमा से सागर का जल सिंदूरी बन रहा था। सागर में खड़ी नावें बड़ी बड़ी छाया मूर्ति जैसी लग रही थी। सूर्य की किरणों की वजह से पुरा समुद्र लाल हो चुका था मानो जैसे लाल पानी भरा हुआ हो। आकाश अपनी सुनहरी शोभा बिखेरकर रजनी रानी के स्वागत की तैयारिया कर रहा था। दूज का उगता हुआ चाँद बड़ा मोहक लग रहा था। बड़ा अदभुत दृश्य था वह!

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सूर्यास्त का समय:

अपने दोस्तों के साथ घूमता हुआ मै समुद्र तट पर एक और बैठे गया। धीरे धीरे अंधेरा गहरा हो रहा था। बिजली की बत्तीयो से सारा मार्ग जगमगा उठा था। नारियल के वृक्ष की छाया बहुत ही डरवानी सी लग रही थी। पंखीयों की टोलियाँ जल्दी से दूर जाती हुई नज़र आ रही थी। मेरे गीतकार मित्र ने दो गीत सुनाए। इससे हमारा मन भर गया। सागर तट पर एक ओर खाने पीने के बहुत से स्टॉल लगे हुए थे। वहाँ लोगो की काफि भीड़ थी।

समुद्र

समुद्र के किनारे की शाम से मन प्रफुल्लित हो गया:

धीरे धीरे पवन तेज होने लगा। वातावरण अधिक शीतल होने लगा। बच्चे अपने अपने घर लौट रहे थे। बहुत से बच्चों के हाथ में गुब्बारे थे, जिन्हे वे बड़ी खुशी से हवा में लहरा रहे थे। किनारे पर बैठे हुए लोग भी अब उठने लगे थे। सबके चेहरे ताजगी पर खुशी छाई हुई थी। लोगो के मन में नया उत्त्साह भर दिया था। हम भी अब घर की और लौट रहे थे। समुद्र के किनारे की शाम के दृष्य को देखने के बाद शाम कैसे गुजर गई पता ही नहीं चला। समुद्र का किनारा मन को प्रफुल्लित कर देता है।

Answered by Anonymous
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Answer:

समुद्र के किनारे एक शाम- निबंध | Samudra ke kinaare ek sham| मन को शांत करने वाली जगह- समुद्र का किनारा समुद्र के किनारे एक शाम: शाम को किसी प्राकृतिक स्थान की सैर करना मुझे अच्छा लगता है। ... एक और सागर हिलोरे ले रहा था तो दूसरी ओर मानव- महासागर।

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