Essay in hindi on vyayam se labh near500
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हमने बहुत बार सुना है कि पहला सुख है निरोगी शरीर। इसी की वजह से हम अन्य सभी सुखों का आनंद उठा सकते हैं। अपनी पढ़ाई पर ध्यान भी हम तभी दे सकते हैं जब हमारा शरीर स्वस्थ हो। व्यायाम शरीर को चुस्त और फुर्तीला रखने का उत्तम मार्ग है|
प्रात:काल की सैर, तैराकी, योगाभ्यास, खेल जैसे क्रिकेट, बेडमिंटन, कबड्डी इत्यादि यह सभी व्यायाम के साधन हैं। अपनी रुचि और इच्छा के अनुसार हम किसी भी व्यायाम का चयन कर सकते हैं। आवश्यक यह है कि व्यायाम नियमित रूप से किया जाए। जोश में एक दिन क्षमता से अधिक कर हम थक गए इसलिए चार दिन तक शरीर हिला न पाएँ, ऐसा नहीं होना चाहिए।
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