essay in hindi on yadi main pradhan mantari hota in 50 words
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Explanation:
यदि मैं प्रधानमंत्री होता-अरे ! यह मैं क्या सोचने लगा । प्रधानमंत्री कितना भारी शब्द है यह, जिसे सुनते ही एक ओर तो कई तरह के दायित्वों का अहसास होता है जबकि दूसरी ओर स्वयं ही एक अनजाने गर्व से उठ कर तनने भी लगता है ।
भारत जैसे महान लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बनना वास्तव में बहुत बड़े गर्व और गौरव की बात है, इस तथ्य से भला कौन इन्कार कर सकता है । प्रधानमंत्री बनने के लिए लम्बे और त्यापक जीवन अनुभवों का, राजनीतिक कार्यों और गतिविधियों का प्रत्यक्ष उनुभव रहना बहुत ही आवश्यक हुआ करता है ।
प्रधानमंत्री बनने के लिए जनकार्या और सेवाओं की पृष्ठभूमि रहना भी जरूरी है और इस प्रकार के व्यक्ति का अपना जीवन भी त्याग-तपस्या का आदर्श उदाहरण होना चाहिए । प्रधानमंत्री बनने के लिए व्यक्ति को चुस्त-चालाक, कूटनीतिइा, कुशल और दबाव एवं प्रहार कर सकने योग्य वाला होना भी बहुत आवश्यक माना जाता है ।
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Explanation:
हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश है। प्रधानमंत्री का पद यहाँ उत्तरदायित्व व गरिमा का माना जाता है। कोई भी योग्य व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, चुनाव में भाग लेकर प्रधानमंत्री बन सकता है।
भारत का प्रधानमंत्री बनना बहुत गौरव की बात है। प्रधानमंत्री बनना कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसके लिये राजनीतिक कार्यों तथा देश विदेश की नीतियों इत्यादि का ज्ञान तथा अनुभव होना बहुत जरूरी है।
मेरे लिये प्रधानमंत्री बनना एक स्वप्न सच होने के समान है। मुझमें प्रधानमंत्री बनने की न तो योग्यता है और न अनुभव। किन्तु मेरे मन में एक विचार बार बार उठता है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री बन जाऊँ।
संयोग ही होगा अगर मैं प्रधानमंत्री पद तक पहुँच गया। संयोग से अगर मैं प्रधानमंत्री बन गया तो मैं अपने देश के विकास व उत्थान के कार्यों में जुट जाऊँगा। सबसे पहले देश को सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिये देश में नयी नयी तकनीक के अस्त्रों शस्त्रों के निर्माण करवाऊँगा।
अपने देश में फैली बेरोजगारी को दूर करने के लिये शिक्षा नीति में परिवर्तन कर उसे रोजगार उन्मुख बनाऊँगा।
हमारे यहाँ किसानों की आत्महत्या के समाचार अक्सर पढ़ने में आ रहें हैं। इसके लिये अपने अन्नदाताओं को अच्छे से अच्छे बीज, खाद और उपकरण सस्ते व्याज दर पर उपलब्ध करवाऊँगा।
देश की शान्ति को भंग करने वाले अराजक तत्वों और आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दूँगा। स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले होषियार बच्चों के लिये अधिक से अधिक छात्रवृतियों की व्यवस्था करूँगा। स्कूल और कालेजों में खेल कूद को भी शिक्षा का एक हिस्सा बनाया जायेगा।
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