#ESSAY#
Main Sadak bol raha hoon in hindi
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Answer:
मैं एक सड़क हूँ। मैं लोगों को उसकी मंजिल तक पहुँचाती हूँ। एक दिन मैं करोड़ो की संख्या में व्यक्ति मेरे चलते हैं। यूँ तो लोग दिन में काम करते हैं, तथा रात मे सोते हैं। परंतु मैं दिन तथा रात दोनों ही वक्त जागती रहती हूँ।
आज आए दिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। कभी लोगों द्वारा सरकार तथा प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है, तो कभी सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों को। पर प्रश्न उठता है कि आखिर इऩ दुर्घटनाओं का ज़िम्मेदार कौन है? मेरा मानना है दोनों। सरकार और प्रशासन की ढिलाई रवैया तथा लोगों की लापरवाही इन दुर्घटनाओं की ज़िम्मेदार है।
सरकार और प्रशासन सख्त कानून नहीं बनाते हैं। इसका फायदा उठाकर लोग मनमानी करते हैं। लोगों की लापरवाही इन दुर्घटनाओं को न्यौता देती है और परिणाम खतरनाक होते हैं। लोग शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। उनकी गलती के कारण कई लोगों को जान देना पड़ता है। गाड़ी चलाते समय या सड़क पर चलते समय लोग अकसर फोन पर बात करते हैं। यह भी दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है।
सरकार इस ओर मुँह मोड़े रहती है। यदि हम सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगानी है, तो सख्त कानून बनाने पड़ेगें और लोगों पर अंकुश लगाना पड़ेगा।
Answer:
मैं सड़क हूँ। मेरे अनेक रूप हैं कहीं मैं पगडंडी के रूप में हूँ तो कहीं मेरा रूप बहुत विशाल है। सभी व्यक्ति बच्चे बूढ़े, पुरूष स्त्रियाँ निर्धन धनी मेरा प्रयोग करते हैं। मैं सब का कार्य आसान करती हूँ। मुझ पर चलकर ही सभी अपने अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं।
मेरे प्रकार अनेक- मेरे अनेक प्रकार हैं। पगडंडी मेरा एक रूप है। इससे बड़ा एक रूप और है। वह रूप आपको हर गाँव में मिल जाएगा। इसकी चौड़ाई अधिक होती है। इस पर बेलगाडि़याँ चलती हैं। गाय, भैसें और अन्य पशु भी मेरे इस रूप का प्रयोग करते हैं। समय के परिवर्तन के साथ साथ मेरे रूप में भी परिवर्तन आ रहा है। गाँवों में भी अब मुझे सुधार जा रहा है। मुझे अब पक्का किया जा रहा है।
नगरों में मेरा आप जो रूप देखते हैं, वह अत्यन्त ही आकर्षक और साफ सुथरा है। मेरे शरीर पर कहीं भी मिटृी नहीं दिखाई देती। चिकनी चुपड़ी चाची के समान मैं भी सुन्दर और आकर्षक लगती हूँ। मुझ पर चलने में आनंद आता है। कारें, बसें और दूसरे वाहन मुझ पर तेज गति से दौड़ते रहते हैं।
अनोखी पहचान- मुझ में अनोखी पहचान है। मैं बच्चों, बूढ़ों, पुरूषों, स्त्रियों के पैरों की चाप से यह जान लेती हूँ कि मुझ पर चलने वाला कौन है। बच्चा मुझ पर मस्ती से धीरे धीरे इठलाता हुआ चलता है तो बूढ़ें व्यक्ति की पद चाप कुछ अलग तरह की होती है। हताष और निराश व्यक्ति और साहसी तथा प्रसन्नचित्त व्यक्ति की पद चाप में भी बहुत अन्तर होता है। निराश और हताश व्यक्ति के पैरों की चाप में वह तेजी नहीं होती जो साहसी और आशावान व्यक्ति के पैरों में होती है। विद्योगी व्यक्ति के पैरों की चाप भी मैं पहचानती हूँ और प्रेमियों के पैरों की चाप भी।