Essay naitik siksha manavta ka aadhar
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नैतिक शिक्षा से अभिप्राय उन मूल्यों, गुणों और आस्थाओं की शिक्षा से है, जिन पर मानव की निजी और समाज में अपनी पहचान बनाता है | नैतिक शिक्षा ही मानवता का मूल है , जो हमें गलत संगत से बचाता है|
नैतिक शिक्षा की सुंदर व्यंजना हुई है , इसमें मनुष्य के व्यवहार के ढंग या तरीका है जिसके अनुसार जीवन चर्या का संचालन होता है। नैतिक मूल्यों से ही व्यक्ति से विश्व तक, जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। व्यक्ति-परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक शिक्षा की पहचान होती है। मनुष्य जीवन में
नैतिक शिक्षा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है | नैतिक शिक्षा का विस्तार व्यक्ति से विश्व तक, जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है | व्यक्ति-परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक शिक्षा की यात्रा होती है।
मनुष्य का यश, गुरु-गौरव उसकी संपन्नता एवं मान-मर्यादा उसके चरित्र पर निर्भर करता है | मनुष्य सत्यवादिता, दयालुता, निष्कपटता, सदाचार, संतोष, पारस्परिक सहयोग- ये सभी नैतिक शिक्षा के गुण है | अच्छा व्यवहार परिश्रमशीलता, कर्तव्यनिष्ठा, समय-निष्ठा आदि गुण जिस व्यक्ति में होंगे, वह निश्चय ही अपने जीवन में सफल होता है |