Hindi, asked by aysha5414, 1 year ago

essay of tsunami 26 dec 2004 in hindi language.

Answers

Answered by Anjiii
6
इण्डियन ओसन सुनामी - 26 दिसम्बर 2004 को 9.0 मैग्नीट्यूड के भूकम्प ने लगातार बड़े आकार की लहरों को पैदा किया जिन्हें सुनामी कहते हैं। पिछले डेढ़ सौ साल से भारतीय प्रायद्वीप की टेक्टोनिक प्लेटों के बीच दबाव बन रहा था और यह भूकम्प उसी का नतीजा था। आज तक के सुनामी के इतिहास में यह सबसे अधिक विनाशकारी सुनामी थी जिससे 1,60,000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई। सुनामी से उसके पास वाले इलाकों में जैसे इंडोनेशिया, थाईलैंड एवं उत्तर पश्चिम में मलेशिया के समुद्र तट के पास से लेकर हजारों किलोमीटर दूर तक बांग्लादेश, इंडिया, श्रीलंका, मालद्वीप यहाँ तक कि पूर्वी अफ्रीका में सोमालिया तक भारी जान माल का नुकसान हुआ। सुनामी शब्द जापानी भाषा से आया है जिसका अर्थ है हारबर वेव। ‘सु’ का अर्थ है बंदरगाह एवं ‘नामी’ का अर्थ है लहरें। यह शब्द एक मछुवारे की देन है जो बन्दरगाह के पास लौटा एवं उसने तहस नहस बन्दरगाह देखा हालाँकि उसे खुले समुद्री पानी में कोई किसी लहर का आभास नहीं हुआ। इंडियन ओसन में 1883 के बाद कोई बड़ी सुनामी की घटना नहीं हुई थी। इसलिये इंडियन ओसन में कोई सुनियोजित एलर्ट सेवा स्थापित नहीं थी।

दूसरी सुनामियाँ जो संसार के विभिन्न भागों में आईं उनमें प्रमुख 20 जनवरी 1607 को ब्रिस्टल चैनल, इंग्लैंड में आई प्रलयकारी सुनामी थी, इसमें हजारों लोग डूब गए थे, घर एवं गाँव बह गए थे, खेतों में खारा पानी भर गया था एवं खेती नष्ट हो गई थी। एक और सुनामी 1896 में जापान में आई। सुनामी के कहर से सानरीकू नामक गाँव पूरी तरह नष्ट हो गया। एक लहर, लगभग 20 मीटर ऊँची उठी, जो सात मंजिले मकान जितनी ऊँची थी, 26,000 लोगों को बहाकर ले गई थी। 1946 में एलयूटीयन टापू पर आए भूकम्प से जो सुनामी उठी उसने हवाई के पास तबाही मचाई इसमें 159 लोगों की मृत्यु हो गई थी। अलास्का में 1958 में लिटूया खाड़ी में एक बहुत सीमित सुनामी उठी जो आज तक आई सुनामियों में सबसे ऊँची थी जिसकी ऊँचाई समुद्रतल से लगभग 500 मीटर ऊँची थी। हालाँकि इसका बहुत अधिक फैलाव नहीं हुआ था और मछली पकड़ते हुए केवल दो लोगों की मृत्यु हुई थी।

सन 1976 में फिलीपीन्स के मोरो गल्फ क्षेत्र में कोटाबाटो शहर में 16 अगस्त को मध्य रात्रि को आई प्रलयकारी सुनामी से लगभग 5000 लोगों की मृत्यु हो गई थी। 1983 में पश्चिमी जापान के पास आये भूकम्प से उठी समुद्री सुनामी से 104 लोगों की मृत्यु हो गई थी। 17 जुलाई 1998 को पापुआ न्यू गुनिया सुनामी से लगभग 2200 लोगों की मृत्यु हो गई थी। यह समुद्र से 15 मील दूरी पर आए एक 7.1 मैग्नीट्यूड के भूकम्प से उत्पन्न हुई थी इसकी एक लहर जो लगभग 12 मीटर ऊँची थी भूकम्प आने के 10 मिनट के अंदर पैदा हुई। इससे दो गाँव अरोप तथा वारापू पूरी तरह नष्ट हो गए थे। ऐसा समझा जाता है कि भूकम्प का आकार इतना नहीं था जोकि इतनी ऊँची सुनामी पैदा कर सके। पर इससे समुद्र के नीचे हुए भू-स्खलन से विनाशकारी सुनामी उत्पन्न हुई।

दक्षिण एशिया में आई कुछ प्रमुख सुनामी इस प्रकार हैं। 1524 में, डाबोल के पास, महाराष्ट्र 2 अप्रैल 1762 को म्यांमार में अराकान कोस्ट के पास। 16 जून 1819 में गुजरात के रन ऑफ कच्छ में। 31 अक्टूबर, 1847 को ग्रेट निकोबार टापू पर। 31 दिसम्बर 1881 में कार निकोबार द्वीप में। 26 अगस्त 1883 में कराकोटा ज्वालामुखी के फटने से उत्पन्न हुई सुनामी तथा 28 नवम्बर 1945 को बलूचिस्तान में मेकरान कोस्ट के पास। 26 दिसम्बर सुमात्रा भूकम्प की हलचल समुद्र के भीतर दो प्लेटों में हुई दरारें खिसक जाने से उत्तर से दक्षिण की तरफ पानी की लगभग 1000 किलोमीटर लम्बी एक जबरदस्त दीवार खड़ी हो गई। सुनामी जोकि भूकम्प के केन्द्र के चारों तरफ नहीं फैली बल्कि उसका रूख पूर्व से पश्चिम की तरफ हो गया। इस भूकंप के पहले घंटों में ही 15 से 20 मीटर लम्बी ऊँची सुनामी लहरों ने सुमात्रा के उत्तरी तट को तहस नहस कर डाला और साथ ही लपेट में आए आचेह प्रांत का तटीय इलाका पूरी तरह पानी में डूब गया। उसके कुछ ही देर बाद भारत के निकोबार और अंडमान द्वीप पर भी सुनामी लहरों का कहर टूटा।

जबरदस्त तेजी के साथ पूर्व की तरफ बढ़ रहे सुनामी के प्रवाह ने फिर थाईलैंड और बर्मा के तटों पर हमला बोला और आरम्भिक झटकों के दो घंटो के अंदर ही पश्चिम की तरफ बढ़ती सुनामी लहरें श्रीलंका और दक्षिण भारत के समुद्र तटों पर हावी हो गईं। लेकिन यहाँ तक आते-आते सुनामी का प्रवाह कम हो गया था और तटों पर पहुँचते-पहुँचते लहरें सामान्य समुद्री सतह से 5 से 10 मीटर तक ऊँची थीं। हालाँकि यहाँ तक आते-आते कई समाचार एजेंसियों ने सुनामी से हो रही तबाही की रिपोर्ट देनी शुरू कर दी थी लेकिन ऐसा कोई सुनियोजित तंत्र नहीं था जिसके तहत हिन्द महासागर में पश्चिम की तरफ बढ़ती जा रही सुनामी के खतरों की सूचना संबंधित देशों की सरकारों द्वारा कोई व्यवस्था की जा सके जबकि उस वक्त के बाद कोई साढ़े तीन घंटे तक सुनामी की लहरों ने और तबाही मचाई मालद्वीप और सेशल्स के समुद्र तटों ने इसे साढ़े तीन घंटे की अवधि में सुनामी के कहर को झेला। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सुनामी में 9000 परमाणु बमों की जितनी ताकत थी।

हिन्द महासागर में आए भूकम्प और सुनामी लहरों की अपार शक्ति ने न केवल हजारों लोगों की जान ली बल्कि पृथ्वी का आकार भी थोड़ा सा बदल दिया है। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ प्रायद्वीप कई-कई मीटर खिसक गये हैं जिससे दुनिया का मानचित्र थोड़ा सा बदल गया है। भूतल में टेक्टोनिक प्लेटों के भीषण टकराव के कारण हिन्द महासागर का तल इंडोनेशिया की तरफ 15 मीटर खिसका दिया है, इस भूकम्प के कारण सुमात्रा के भूगोल में भी बदलाव की आशंका है। इस भूकम्प के कारण पृथ्वी अपनी धुरी से थोड़ा खिसक गई जिससे दिन की अवधि कुछ सेकेंड कम हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार इस भूकम्प के कारण उत्तरी ध्रुव भी कुछ सेंटीमीटर खिसक गया है।

Similar questions