Hindi, asked by shalinisinha1976, 1 year ago

essay on aaj ke bache kal ka bhavjshya​

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Answered by UjjwalChaturvedi
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Answer:

Hey.

The answer is:-

आज के बच्चे हमारा कल का भविष्य हैं। यदि बच्चों को बाल्यकाल से ही अच्छी शिक्षा और संस्कार मिलेंगे, तो वे बड़े होकर देश की सामाजिक, शैक्षणिक ओर आर्थिक प्रगति में सहयोग देकर देश का नाम उंचा करेंगे। इस तरह से भारत फिर से विश्वगुरू बन सकता है। मेयर आज स्थानीय प्रेम नगर में स्थित सामुदायिक केन्द्र में आयोजित लिटल चैम्पस प्ले स्कूल के वार्शिक कार्पाम में बतौर मुख्यतिथि बोल रही थी। उन्होने कहा कि बच्चों का मन शीशे की तरह साफ होता है और दिल एक ऐसा पटल माना जाता है, जिस पर जो भी लिखना चाहें, लिख सकते हैं। अत बच्चों को सांस्कारिक बातों से ही जोड़कर रखना चाहिए। उनके समक्ष ऐसी कोई भी आपराधिक, गैर-चारित्रिक या भयावह घटना का पा नहीं करना चाहिए। उन्हे खेल-कूद और ज्ञानवर्धक पुस्तकों से जोड़कर रखना चाहिए। कोई भी बच्चा जन्म से बुरा नहीं होता बल्कि उसके संस्कार ही उसे बुरा बनाते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे एक अच्छे शिल्पकार का रोल करके बच्चों को तराशें, ताकि वे बड़े होकर वे अच्छे नागरिक बन सके। उन्होने छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक सांस्कृतिक कार्पाम को देखकर उनमें छिपी प्रतिभा की सराहना की ओर कहा कि बच्चों में कौशल विकास के लिए उन्हें इस तरह के मंच प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर नान खट्टर के नेत्तृव वाली सरकार की ओर से प्रदेश में बच्चों के विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें लडकियों की निशुल्क शिक्षा, खेल-कूद, छात्रवृति इत्यादि शामिल हैं। इन योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहिए। आज के कार्पाम में स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का थीम रखा गया था, जिस पर बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किए। भारत कैसे स्वच्छ व स्वस्थ रह सकता है, इस पर बोलते हुए कई अच्छे सुझाव आए, जिनका सार था कि नागरिकों की सािढय भागीदारी से ही स्वच्छता को कायम रखा जा सकता है। जब देष स्वच्छ होगा, तो उसमें रहने वाले लोग भी स्वस्थ होंगें। इसलिए स्वच्छता का हमारे जीवन में अहम स्थान है। इस अवसर पर प्ले स्कूल के निदेशक नरेन्द्र कवातरा ने बोलते हुए कहा कि इस संस्था में बच्चों को खेल व ज्ञानवर्धक पुस्तकों से शिक्षा दी जाती है। उनके बीच में सामाजिक विषयों पर चर्चा भी की जाती है। आज का विषय भी उन्ही में से एक था। उन्होने बताया कि गत वर्ष आयोजित वार्शिक कार्पाम में बेटी बचाओं-बेटी पढाओ का थीम लिया गया था। मेयर ने इस थीम को लेकर सुझाव दिया था कि वे ऐसे परिवार जिसमें एक से अधिक लडकी हो, उनमें से प्रत्येक दूसरी लडकी को अपने स्कूल में निशुल्क दाखिला व शिक्षा दें। गत वर्ष ऐसी करीब 15 लडकियों को दाखिला दिया गया था और इस वर्ष भी 20 लडकियों को इस स्कूल में निशुल्क दाखिल किया गया है।

Thank you.

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