Hindi, asked by nanditagoundar, 1 year ago

essay on adbhut
sapna

Answers

Answered by swapnil756
79
नमस्कार दोस्त
___________________________________________________________

कल रात मुझे एक अद्भुत सपना आया था मैं देर से बिस्तर पर गया था और तेजी से सो रहा था। अचानक मुझे लगा कि मैं परियों का देश था। एक बड़ा बगीचा था फूल खिल रहे थे परियों सुंदर गाने गा रहे थे

एक परी मेरे पास आई और मुझे एक प्यारी मुस्कान के साथ बधाई दी उसने मुझे बैठने और नृत्य का आनंद लेने के लिए एक छोटी सी कुर्सी की पेशकश की। फिर मैंने एक छोटे बच्चे को बांसुरी पर खेलकर देखा। वह परियों के बीच में पहुंचे। बच्चे परियों के साथ नृत्य करना शुरू कर दिया। पास कुछ बौने आस पास बैठे थे एक खूबसूरत नदी थी सूरज चमकदार था और एक ठंडी हवा उड़ा रही थी।

मैं एक छायादार पेड़ के नीचे बैठ गया। वृक्ष फल से लादेन था बच्चे ने मेरे लिए कुछ फल लाए फिर ची ने गायन और नृत्य करना शुरू कर दिया। परियों ने मुझे एक एंड्रॉइड खड़ा किया यह एक सुंदर दृश्य था।

जब मैं फल ले रहा था और नृत्य का आनंद ले रहा था, अचानक जाग उठा मेरी मां ने मुझसे उठकर स्कूल जाने के लिए कहा।
____________________________________________________________

आशा है कि यह आपकी मदद करेगा
Answered by Anonymous
27

प्रस्तावना स्वप्न हमारे हृदय को ढाढस बंधाते है, लेकिन कभी-कभी सपने में हमें अपने को बरबाद होता भी देखते हैं । यह इस पर निर्भर करता है कि हमारा स्वप्न कैसा है ।

कोई निर्धन व्यक्ति सपने में राजा बन बैठता है, तो वह बड़ा आनन्दित होता है तो कोई राजा यह स्वप्न देखकर रोने लगता है कि उसे गद्दी से उतारकर जेल में डाल दिया गया है । सपने कभी सच्चे नहीं होते ।

मेरा स्वप्न:

पिछली रात उषाकाल के पूर्व मैंने एक बड़ा सुन्दर सपना देखा । मैंने अपने आपको फूलो के देश में पाया । यह देश बड़ा सुन्दर था और चारों ओर मनोहरी प्राकृतिक दृश्य थे । थोड़ी ही दूर पर दूध जैसे जल की एक नदी बह रही थी । वहा तरह-तरह के हजारों वृक्ष बड़ी तरतीब से लगे थे । वृक्ष इतने घने थे कि वह जगल-सा लग रहा था । हल्का प्रकाश छाया हुआ था । मैं वृक्षों के बीच उस जगल में आगे बढ़ने लगा ।

कुछ दूर जाकर मुझे संगीत की मधुर ध्वनि सुनाई दी । ऐसा लग रहा था कि कई वाद्य वृन्द एक साथ बज रहे हों । मुझे वह ध्वनि दैवीय लगी । मैं मंत्र मुगध हो उस संगीत का स्वर-वादन करने लगा । इतने में ही फूलों की मादक गध का एक झोंका आया ।

मैं इस अनुपम दृश्य को देख खुशी से नाच उठा । मैं हिम्मत करके जंगल मे आगे बढ़ा । मैं संगीत के स्रोत तक पहुच कर देखना चाहता था कि इतना मधुर संगीत कौन बजा रहा है तथा वे कौन-से वाद्यंत्र है । ज्यों-ज्यों मैं आगे बढ़ता जाता ।

मुझे महसूस हो रहा था कि संगीत की ध्वनि भी उतनी ही पीछे चली चली जाती थी, मैंने एक घंटे से अधिक समय तक उसका पीछा किया, लेकिन मैं संगीतज्ञों से उतना ही दूर बना रहा जितना कि पहले था । मधुर संगीत की छानि अभी तक मेरे कानों में आ रही थी । अब तक मैं थक गया था अत. मैं खडा होकर संगीत का आनन्द लेने लगा ।

इतनी देर मैं मुझे घोडों के टापो की आवाज सुनाई दी । थोड़ी देर में पाँच घुडसवार अपने-अपने सफेद घोडों पर बैठे मेरे सामने आकर राक गए । वे रेशमी कपड़े पहने हुए थे व प्रत्येक के गले में ताजे फूलो की मालायें पड़ी हुई थीं । वे मुझे देखकर बडे प्रसन्न हुए ।

वे अजीब-सी भाषा में बोल रहे थे । अपनी भाषा में उन्होंने मुझसे कुछ पूछा, लेकिन मेरी समझ में कुछ न आया । इतने में एक घुड़सवार ने मुझे गोदी में उठाकर घोड़े की पीठ पर बैठा लिया और लगभग दो घंटे तक उन्होने मुझे घोड़े की सवारी कराई ।

अजनबी गांव में:

घुड़सवारी करते-करते हम विचित्र से गाँव में पहुचे । उस समूचे गाँव में मुझे कोई औरत नहीं दिखी । मुझे केवल पुरुषों के गाँव को देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ । आगे चलकर मुझे पत्थर का एक मंदिर दिखा । दूर से ही बड़ी मोहक सुगन्ध आ रही थी । पास आने पर वे घुड़सवार घोड़े से उतर गए और मुझे भी उतार लिया ।

अदर जाकर उन्होंने मूर्ति को दण्डवत् किया और मुझे भी ऐसा ही करने को कहा । वह मूर्ति बड़ी विचित्र थी । मैंने ऐसी मूर्ति कभी नहीं देखी थी । मूर्ति लाल सुर्ख पत्थर की थी और नंगी थी । न वह रत्री समझ में आती थी, न पुराष किसी पशु या पक्षी का भी कोई स्पष्ट आकार नहीं था ।

मूर्ति से बड़ी मादक सुगन्ध निकल रही थीं । कुछ देर पूजा करने के बाद वे घुड़सवार घोडों पर बैठ और मुझे भी साथ लेकर आगे बड़े । अब हम एक अन्य गाँव से गुजरे । उस गाँव से घूमकर हम सब फिर मदिर मे आ गए और वहीं हमने रात बिताई ।

शादी का विभिन्न समारोह, अगले दिन मदिर का अहाता खूब सजा हुआ था । मुझे बडा आश्चर्य हुआ कि रातोंरात क्ट इतना कैसे सज गया । थोसी दूरी पर मुझे 18 से 20 वर्ष युवाओं की टोली दिखाई थी । दूसरी ओर 16 से 18 वर्ष की युवतियाँ थी । सभी युवतियों का मुंह सेहरे से ढक दिया गया । वे एक जैसे कपड़े पहने हुए थीं ।

अब मुझे लगा कि यही सामूहिक विवाह होने वाला है । थोड़ी देर के बाद लडके दौडने और उछलने-कूदने लगे । कोई लडकी उनमें से एक लड़के को पकड़ लेती और वे दोनों एक खेमे में चले जाते । इसी तरह सभी लड़कियों ने अपने-अपने साथी चुन लिए ।

मैं भी शादी की आयु-मीणा में था लेकिन सबसे अलग खडा रहा । शादी के गाने विचित्र ध्वनि में गाये जाने लगे । इतने में एके लड़की ने मुझे भी पकड़ लिया ! मैंने भागने की कोशिश की । हम दोनों में कुछ छीना-झपटी भी हुई, जिससे लड़का कं सेहरा उठ गरह । लडकी परी-सी सुन्दर थी ।

उपसंहार:

मैं उसे देखकर बड़ा हर्षित हुआ और खुशी से उछल पड़ा । मुझे अच्छे-अच्छे कपडे पहना कर शादी की बेदी पर बैठाया ही जा रहा था कि मेरी माँ ने झंझोड कर मुझे जगा दिया । में ऑखें मल कर उठ बैठा और देखा कि मैं अपने बिरतर में हू । मेरा सुहावना रजन समाप्त हो गया । मै स्वप्न की मीठी याद में मुस्करा उठा ।

Similar questions