essay on annual sports day. (in hindi)
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हमारे स्कूल मे हर साल एक स्पोर्ट्स दे होता हे जहाँ सूब बचों को मोका मिलता हे अपने सब आचे स्पोर्ट्स मे मुकाबला करयायन
बोहट से लोग कहते हैं के स्पोर्ट्स दे वक़्त ज़ाया करता हे पेर मुज़े नही लगता. स्पोर्ट्स भी हमारे ज़िंदीगई का बोहट बरा हिस्सा होती हैं और यह अची बात हे के हर स्कूल इसको सूब बचो के लिए हर साल रखते हैं
हिन्दुस्तान मे ज़डातार लोग क्रिकेट खेलते हैं पेर स्पोर्ट्स दे मे और भी बोहट ई चीज़ाइन होती हैं, जैसे रन्निंग्स, स्विम्मिंग, फुटबॉल जैसी स्पोर्ट्स जिनको खोब्ब पसंद किया जाता हे.
हर स्पोर्ट मे जो बचा टॉप करता हे उसको गोल्ड मेडल मिलता हे. दोसरे नंबर पेर सिल्वर मिलता हे और तीसरे नंबर पेर ब्रॉन्ज़.
एक बचे को गोल्ड मेडल मिलना बोहट अछा समझा जाता हे और उनके मा बाप बोहट खुश हॉट हे हैं.
बोहट से लोग कहते हैं के स्पोर्ट्स दे वक़्त ज़ाया करता हे पेर मुज़े नही लगता. स्पोर्ट्स भी हमारे ज़िंदीगई का बोहट बरा हिस्सा होती हैं और यह अची बात हे के हर स्कूल इसको सूब बचो के लिए हर साल रखते हैं
हिन्दुस्तान मे ज़डातार लोग क्रिकेट खेलते हैं पेर स्पोर्ट्स दे मे और भी बोहट ई चीज़ाइन होती हैं, जैसे रन्निंग्स, स्विम्मिंग, फुटबॉल जैसी स्पोर्ट्स जिनको खोब्ब पसंद किया जाता हे.
हर स्पोर्ट मे जो बचा टॉप करता हे उसको गोल्ड मेडल मिलता हे. दोसरे नंबर पेर सिल्वर मिलता हे और तीसरे नंबर पेर ब्रॉन्ज़.
एक बचे को गोल्ड मेडल मिलना बोहट अछा समझा जाता हे और उनके मा बाप बोहट खुश हॉट हे हैं.
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