Hindi, asked by piyupriya18, 1 year ago

essay on anushashan ka mahatva

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Answered by Meww
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अनुशासन हर किसी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात है। अनुशासन के बिना एक एक सुखी जीवन नहीं जी सकता । यह कुछ नियमों और विनियमों का पालन जीवन जीने का कार्य है। अनुशासन है कि हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं , जो सब कुछ है। यह सही रास्ते पर हमें ले जाता है । हम सब हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के विभिन्न प्रकारों का पालन करें। हम सुबह जल्दी जागना , जैसे पानी का एक गिलास पीने के कई उदाहरण हैं , सभी अनुशासन आदि कर रहे हैं , नाश्ता लेते हैं, नहाना , हमारे दांत ब्रश सही समय पर वर्दी में स्कूल जाने के लिए करते हैं ताजा पाने के लिए शौचालय के लिए जाना ।

Meww: MARK AS BRAINLIEST PLZZZZZZZZZZZZZ
Meww: CLICK ON THE YELLOW BUTTON BESIDE MY ANSWER PLZZZZZZ
unamg: bhai blue button
Meww: BRAINLIEST KE LIYR YELLOW BUTTON AUR THANKS KE LIYE BLUE BUTTON N I M A GIRL :)
unamg: srrrrrrrry
Meww: ;) CHILL YRR
Answered by unamg
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 अनुशासन का महत्व

समाज की सहायता के बिना मानव जीवन का अस्तित्व असम्भव है। सामाजिक जीवन को सुख संपन्न बनाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इन नियमों को हम सामाजिक जीवन के नियम कहते हैं। इनके अंतर्गत मनुष्य व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से नियमित रहता है तो उसके जीवन को अनुशासित जीवन कहते हैं। 

अनुशासन मानव-जीवन का आवश्यक अंग है। मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह खेल का मैदान हो अथवा विद्यालय, घर हो अथवा घर से बाहर कोई सभा-सोसायटी, सभी जगह अनुशासन के नियमों का पालन करना पड़ता है। 

विद्यार्थी समाज की एक नव-मुखरित कली है। इन कलियों के अंदर यदि किसी कारणवश कमी आ जाती है तो कलियाँ मुरझा ही जाती हैं, साथ-साथ उपवन की छटा भी समाप्त हो जाती है। यदि किसी देश का विद्यार्थी अनुशासनहीनता का शिकार बनकर अशुद्ध आचरण करने वाला बन जाता है तो यह समाज किसी न किसी दिन आभाहीन हो जाता है। 

परिवार अनुशासन की आरंभिक पाठशाला है। एक सुशिक्षित और शुद्ध आचरण वाले परिवार का बालक स्वयं ही नेक चाल-चलन और अच्छे आचरण वाला बन जाता है। माता-पिता की आज्ञा का पालन उसे अनुशासन का प्रथम पाठ पढ़ाता है। 

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