Hindi, asked by Dipanjali, 1 year ago

Essay on azaadi ka mahatwa in hindi

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Answered by Mahiya19
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आज़ादी ………..क्या है इसका मतलब ? शायद ये हर किसी की सोच पर निर्भर करता है लेकिन आम राय यही है कि उसने आज़ादी के ६४ सालो के सफ़र में क्या खोया और क्या पाया / हर किसी की सोच भले ही मिले या ना मिले लेकिन इतना तय है की स्वतंत्रता दिवस पे पावन अवसर पर पूरे देश मे एक जुनून सा छा जाता है जिसका उदाहरण आप गली के अधनंगे बच्चो से लेकर बूढ़ो तक मे देख सकते हैं जिनके हाथों मे तिरंगा ज़रूर दिखाई देता है / हालाँकि ये बात भी उतनी ही सच है की इस आज़ादी ने कई लोगों के लिए सपने के सिवा कुछ और नही दिया / खैर हम बात कर रहे थे आज़ादी की….., आज़ाद देश में जहाँ हर जगह हर्षौल्लास का माहौल है, हर गली, हर दफ़्तर और हर इमारत पे तिरंगे की मौजूदगी ये बयान करती है की हमारे देश के लिए आज का दिन कितना गौरवशाली है / आज की दौड़ती भागती दुनिया मे जहाँ हर किसी के पास वक्त की कमी है वहाँ आज़ादी को मनाने का अंदाज भी अलग सा दिखता है जो भी हो मेरे लिए आज़ादी आज़ाद देश की एक ऐसी तस्वीर जिसे मै आपको शब्दो के माध्यम से दिखना चाहता हूँ / रात को अपना सारा काम ख़तम कर मै जल्द ही सो गया ताकि सवतंत्रता दिवस की सुबह मेरे लिए एक यादगार  सुबह हो / सुबह सुबह मै तैयार होकर लालकिले की तरफ चल पड़ा पर क्योंकि मै हर हाल मे लालकिले के प्राचीर से फहराता हुआ तिरंगा देखना चाहता था / लालकिले से फहराता हुआ तिरंगा देखने की मेरी चाहत इसलिए भी और रहती है की हर साल मुझे ये अहसास होता है की इसी दिन के लिए हमारे देश के ना जाने कितने ही लोगो ने अपनी जान कुर्बान की और उन कुर्बनियो की नतीजा है की आज हम खुली हवा मे सुकून से अपने देश की आज़ादी का जश्न माना रहे हैं/  जैसे ही मैं बस स्टॅंड पर पहुँचा मुझे लगा हर दिन की तरह मुझे बस सही वक्त पर मिल जाएगी लेकिन ये मेरी भूल थी / सड़को पर कुछ ज़्यादा चहल पहल नही थी हाँ हर जगह बच्चो की टोली ज़रूर दिखी जिन्हे शायद आज़ादी का संपूर्ण मतलब भले ही पता हो ना हो लिकिन जोश ऐसा जिसे देख कर हर किसी सीना चौड़ा हो जाए / काफ़ी मशक्क्त के बाद मुझे एक स्कूल बस मे लिफ्ट मिली जो लालकिले की परेड मे हिस्सा लेने जा रही थी/ मैने भगवान का शुकिया अदा किया और बस में दाखिल हो गया बच्चो का उत्साह देख कर मुझे भी स्कूल के दिन याद याद गये/ बच्चो से बातें करते हुए मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था/ सभी बच्चे एक से बढ़कर एक थे हर किसी की अपनी मंज़िल अपने सपने साफ पता थे/ हर किसी को पता था की उन्हे अपनी ज़िंदगी में क्या करना है और आज़ादी उनके किए क्या मायने रखती है / उनकी बाते सुनकर मै मॅन ही मॅन उन शहीदो को नमन कर रहा था जिनका योगदान देश के लिए अतुलनीय है / जैसे ही मै लालकिले पहुँचा तिरंगे के समक्ष प्रधानमंत्री पहुँच चुके थे झमाझम बारिश में भी लोगो का उत्साह कम नही था / मै भी इस देश का एक आम नागरिक हू इसलिए मुझे भी आम लोगो की तरह ही भीड़ मे सबसे पीछे खड़े होकर ही प्रधानमंत्री का भाषण सुनने का मौका मिला / उस भीड़ मे रहकर मुझे पता चला कि कि आम आदमी कि सोच क्या होती है पर शायद हर आम आदमी कि सोच को सब जगह विराम लगाना पड़ता है कभी हालाटो कि वजह से तो कभी मौका ना मिलने कि वजह से / तभी जन गण मन क़ी धुन ने मेरा  ढयान तोड़ा / प्रधानमंत्री के हरेक शब्दो पे जैसे लोग तालिया बजा रहे थे मानो उनकी बातो  पे आम जनता को कितना भरोसा हो / बहुत ही गर्मजोशी के साथ कार्यक्र्म का समापन हुआ और मै फिर घर आने क़ी सोच ही रहा था क़ी मेरी नज़र एक चाय क़ी दुकान पे पड़ी बारिश क़ी वजह से सारा बदन वैसे ही अकड़ सा गया था ऐसे मे चाय .. फिर क्या कहना मानो चाय नही अमृत का प्याला मिल गया हो/ अभी मेरी चाय ख़तम भी नही हुई थी क़ी मेरी नज़र एक ६-७ साल के बच्चे पर पड़ी जो अपनी कमीज़ से कुछ साफ कर रहा था मुझसे नही रहा गया और मै बच्चे के पास चला गया ओर देखा वो बच्चा एक  काजग के तिरंगे को सुखाने क़ी कोशिश कर रहा था जो उसे सड़क पे पड़ा हुआ मिला था /  मेरे पूछने पर उसने बताया क़ी वो इस तिरंगे को अपने घर मे लगाएगा / मैने उस बच्चे से कहा क़ी इसका रंग तो निकल गया है चलो मै आपके लिए दूसरी खरीद देता हूँ , उसने बड़ी मासूमियत से जावाब दिया सुख जाने पर मेी इसे रंग दूँगा फिर ये पहले जैसा हो जाएगा / बारिश ने भले ही तिरंगे के रंग को फीका कर दिया हो पर उस मासूम बच्चे के उसमे रंग भरने क़ी चाहत को देख मेरे आखो में आँसू आ गये सोचा जब ये मासूम बच्चा तिरंगे क़ी अहमियत को समझ सकता है तो फिर हम क्यूँ नही……………………..

hope it helps

Ashishmalik: hlo frnd can u msg me in my inbox
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