essay on bachpan ki kathi meethi yaade in hindi
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'तू न सही तेरी याद सही' की तरह बचपन की यादें भी कम खुशी नहीं देती । आज भी जब बचपन की याद आती है, तो सोचता हूँ, 'कोई लौटा दे मेरे बचपन के वे खुशियों मरे दिन' । कोई मेरे वे खूबसूरत दिन लौटा तो नहीं सकता, किन्तु जिन्दगी की भागदौड़ में भी बचपन को याद कर खुश हो लेने का मौका मैं कभी नहीं छोड़ता ।
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this is the essay hope it helps
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